एसएसपी के आदेश के बाद भी दर्ज नहीं किया था मुकदमा, दुष्कर्म पीड़िता भटकती रही।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। मुंडाली थाना क्षेत्र से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आने के बाद एसएसपी डॉक्टर विपिन ताडा ने सख्त कदम उठाया है। उन्होंने थानाध्यक्ष दिव्य प्रताप सिंह और दरोगा रोहित बाबू को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि दोनों पुलिसकर्मियों ने दुष्कर्म पीड़िता की सुनवाई करने के बजाय उसे परेशान किया और उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया।
मुंडाली क्षेत्र की दुष्कर्म पीड़िता लंबे समय से न्याय की गुहार लगा रही थी। वह डॉक्टरी जांच कराने और आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग कर रही थी। लेकिन थानाध्यक्ष और विवेचना अधिकारी दरोगा ने उसकी बात सुनने के बजाय उसे थाने से भगा दिया।
लगभग छह दिन पहले हताश होकर पीड़िता एसएसपी आॅफिस में जनसुनवाई के दौरान पहुंची। उसने अधिकारियों को बताया कि स्थानीय पुलिस उसकी कोई मदद नहीं कर रही और आरोपी को बचाने की कोशिश कर रही है।
पीड़िता की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी डॉक्टर विपिन ताडा ने थानाध्यक्ष दिव्य प्रताप सिंह को स्पष्ट आदेश दिए थे कि तुरंत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए। लेकिन आदेश के बावजूद थाने में कोई सुनवाई नहीं हुई। उल्टा पीड़िता को पहले से ज्यादा परेशान किया जाने लगा।
इस पूरे प्रकरण के बाद एसएसपी ने दोनों पुलिसकर्मियों पर गाज गिराते हुए उन्हें निलंबित कर दिया। कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। एसएसपी का कहना है कि किसी भी हालत में
पीड़िता की आवाज दबाने या आरोपी को बचाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।