- भाजपा द्वारा लाए जा रहे कानून के विरोध में आजाद अधिकार सेना ने किया प्रदर्शन।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। भाजपा द्वारा लाए जा रहे कानून के विरोध में शुक्रवार को आजाद अधिकार सेना के दर्जनों सदस्यों ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय में सौंपा। ज्ञापन में कहा कि भारत सरकार द्वारा 10 दिनों से अधिक जेल में रहने वाले राजनीतिक संवैधानिक पदाधिकारीगण को पद से हटाए जाने के संबंध में लाए गए तीन कानून से पूरी तरह अवगत है। इन कानूनों में कहा गया है कि यदि कोई भी व्यक्ति गिरफ्तारी के 30 दिन के अंदर जमानत नहीं पाता है, तो 31 वें दिन वे वह देश के किसी भी संवैधानिक पद के लिए स्वत: ही कानूनी रूप से अयोग्य हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा इसे भ्रष्टाचार के विरुद्ध खिलाफ आक्रमण और राजनीति में नैतिकता लाए जाने वाले कानून के रूप में प्रस्तुत कर रही है। इसके विपरीत हम सभी जानते हैं कि भाजपा द्वारा इन कानून को लाने का मुख्य उद्देश्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं पर गैर कानूनी ढंग से हमला करना और अपने समर्थक दल के नेताओं को काबू में रखना है। इसका मुख्य प्रमाण यह है कि आज तक भाजपा के शासनकाल में जितने भी नेताओं पर कार्रवाई हुई वह सभी विपक्षी दल के थे या जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी छोड़ी।
इसके विपरीत जो भी नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए, उस पर पूर्व से चल रहे सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स या कोई भी अन्य कानूनी कार्यवाही समाप्त हो गई और उसे हर प्रकार से कानूनी लाभ मिल गया। इसका एकमात्र अर्थ यह है कि भाजपा द्वारा इस कानून को लाने का उद्देश्य राजनीति में नैतिकता की स्थापना नहीं, बल्कि केंद्रीय तथा पुलिस एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षियों और विरोधियों के साथ अपने समर्थक दल के नेताओं पर इन कानून का उपयोग दुरुपयोग करते हुए उन्हें काबू में रखना और उन्हें सत्ता से हटाना है। इसलिए आजाद अधिकारी सेना इसे काला कानून मानते हुए इसे लागू न करने की मांग करती है।