- इंदिरा नगर की घटना, मेडिकल कालेज में भर्ती कराया, हुई सर्जरी
शारदा न्यूज, रिपोर्टर |
मेरठ। बंदरों के हमले से इंदिरा नगर में एक बालक की जान पर बन आई। मकान की दूसरी मंजिल से सड़क पर गिरने से उसके सिर में गंभीर चोट आई। मेडिकल कालेज में उसकी सर्जरी की गई है और वह वेंटीलेटर पर है। लोग यहां बंदरों के भय से बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। साथ ही आक्रोशित लोगों ने नगर निगम से बंदरों को पकड़वाने की मांग की है।
शनिवार शाम दिनेश कुमार का आठ वर्षीय बेटा कृष्णा मकान की छत पर खेल रहा था। अचानक बंदरों का झुंड आ गया। बंदर उसकी ओर दौड़े तो वह डर गया। बचने के लिए भागा तो फिसलकर छत से नीचे सड़क पर जा गिरा। लहूलुहान हालत में स्वजन उसे मेडिकल कालेज ले गए। जहां पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती कराया। बालक का सिर फटने के कारण डाक्टरों को उसकी सर्जरी करनी पड़ी।
विकट हो रहे हालात: महानगर में घंटाघर क्षेत्र, श्रद्धापुरी, जागृति विहार, पत्थर वालान, नेहरू नगर, साकेत, एल ब्लाक शास्त्रीनगर समेत अन्य मोहल्लों में बंदरों की बढ़ती संख्या लोगों को परेशान कर रही है। बुजुर्ग, बच्चों व महिलाओं की सुरक्षा के लिए लोग घरों को लोहे के जाल से ढक रहे हैं। छतों पर लोहे के पिलर खड़े करके जाल लगवाने को मजबूर हैं। करीब दो साल से महानगर में बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ने का अभियान नहीं चलाया गया। पिछले महीने महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने नगर आयुक्त व डीएफओ के साथ बैठक की थी। डीएफओ ने लंगूर के कटआउट लगाने का सुझाव रखा था, लेकिन हुआ कुछ नहीं।
बंदर पकड़ने के लिए मथुरा से टीम बुलाई जा सकती है। लेकिन छोड़ना कहां है यह वन विभाग से इन्हें बार-बार पूछा जा रहा है। अभी तक वन विभाग ने स्पष्ट नहीं किया है। यही कारण है कि बंदर पकड़ने का अभियान शुरू नहीं हो पा रहा है। – हरपाल सिंह, प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी


