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मेरठ: सेना का फर्जी कर्नल गिरफ्तार, नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी

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  • सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी की।

शारदा न्यूज़, संवाददाता |

मेरठ। देश की सुरक्षा का जिम्मा सेना के मजबूत कांधों पर टिका हुआ है। देश की जनता को चैन की नींद सुलाने वाले सेना के जवान अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सुरक्षा को महफूज रखते हैं लेकिन एक ऐसा सनसनीखेज़ मामला सामने आया है मेरठ में जहां सेना के पूर्व कर्मचारियों ने देश की सुरक्षा को ताक पर रखते हुए लोगों को सेना में नौकरी का सुहाना सपना दिखाकर उन्हें अपना शिकार बना डाला और देश की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया।

 

सेना का फर्जी कर्नल गिरफ्तार  | Sharda News | Video-

सेना से रिटायर हुए इस नटवरलाल ने खुद को सेना का कर्नल बताकर लोगों को सेना में नौकरी का झांसा देते हुए उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र तक थमा डाले।

 

दरअसल सेना में फर्जी तरीके से भर्ती करने वाले गिरोह की शिकायत पर आर्मी इंटेलिजेंस बुलंदशहर के एक मामले पर छानबीन कर रही थी। छानबीन के बाद आर्मी इंटेलिजेंस ने एसटीएफ से जानकारी साझा करते हुए इस ऑपरेशन में सहयोग मांगा और एसटीएफ ने इस मामले को तरजीह देते हुए इस परेशान की छानबीन शुरू कर दी। छानबीन में एसटीएफ पुलिस और आर्मी इंटेलिजेंस की टीम ने मेरठ के थाना गंगानगर क्षेत्र के कसेरू बक्सर इलाके के रहने वाली सत्यपाल को धर दबोचा। गिरफ्त में आए सतपाल के पास से भारतीय सेना के फर्जी कर्नल की वर्दी के साथ-साथ भारी साज़ो सामान बरामद हुआ है।

वहीं पूछताछ में सत्यपाल ने बताया कि वो 1985 में भारतीय सेना में ड्राइवर के पद पर भर्ती हुआ था और 2003 में वो इस पद से रिटायर हुआ है जिसके बाद से उसने अपना मकड़ जाल फैलाना शुरू कर दिया था और वो भारतीय सेना का कर्नल बनाकर लोगों को सेना में भर्ती करने का सपना दिखाते हुए उनसे भारी भरकम रकम ऐंठ लेता था। सतपाल ने बुलंदशहर के सिकंदराबाद के इस्माइलपुर के रहने वाले सुनील यादव और उसकी बहन पूनम कुमारी को भारतीय सेना में एलडीसी क्लर्क के पद पर भर्ती करने का सपना दिखाया और उसके नाम पर 16 लाख रुपए दो साल पहले लिए थे जिसके बाद सुनील और उसकी बहन पूनम को जॉइनिंग लेटर दिया गया। इसके बाद पूनम और उसका भाई सेना के रिक्रूटमेंट ऑफिस हेडक्वार्टर 236 एमजी रोड, लखनऊ कैंट 2 के पते पर पहुंचे तो वहां जाकर उन्हें पता लगा की जॉइनिंग लेटर फर्जी है।

ये पता लगने के बाद दोनों के पैरों के नीचे से जमीन निकल गई और वो सत्यपाल पर अपने पैसे वापस करने का दबाव बनाने लगे। इसके बाद इसकी शिकायत उन्होंने आर्मी इंटेलिजेंस और पुलिस से की।

पुलिस इस मामले पर लगातार कार्रवाई कर रही थी और इस क्रम में पुलिस ने सतपाल को धर दबोचा। गिरफ्तार किए गए सत्यपाल सिंह के पास से सेना के 5 एलडीसी के फर्जी जॉइनिंग लेटर, 5 स्टांप, एक प्रिंटर, एक सेना के कर्नल की फ़र्ज़ी वर्दी के साथ-साथ, फर्जी पहचान पत्र बरामद किए गए हैं।

 

पुलिस ने गिरफ्तार किए गए सत्यपाल के खिलाफ थाना गंगानगर में मुकदमा दर्ज कर लिया है और उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

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