- शिक्षा के मंदिर बंद ने पर जताया विरोध।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। उत्तर प्रदेश योगी सरकार सरकारी स्कूलों को बन्द करके गरीबों, मजलूमों, वंचितों के बच्चों को शिक्षा से दूर करना चाहती है। सरकार मधुशालाएं खोलने में व्यस्त है, जबकि पाठशालाएं बंद की जा रही हैं। इन्हीं सब बातों को लेकर शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के दर्जनों सदस्यों जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों को मर्ज करने/बंद करने के निर्णय के खिलाफ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से मिले और बीएसए आशा चौधरी को ज्ञापन सौंपा।
जिला अध्यक्ष अंकुश चौधरी ने इस निर्णय को गरीब, दलित, वंचित, और शोषित समाज के बच्चों के भविष्य के लिए घातक बताया और इसे शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 का खुला उल्लंघन करार दिया। अंकुश चौधरी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकारी स्कूलों को मर्ज करके गरीबों, मजलूमों, और वंचितों के बच्चों को शिक्षा से दूर करना चाहते हैं। यह निर्णय बच्चों के भविष्य पर बुलडोजर चलाने जैसा है। पिछले 4 वर्षों में 42 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूल छोड़े हैं, और केवल 1 वर्ष में 8 लाख बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है।
बताया कि मिड-डे मील योजना, जो गरीब बच्चों को स्कूल लाने के लिए शुरू की गई थी, में नमक-रोटी और कीड़े-मकोड़े जैसी शिकायतें आम हैं। सरकार गुणवत्ता सुधारने के बजाय स्कूल बंद करने पर ध्यान दे रही है।
आरटीई एक्ट के तहत 1 किलोमीटर के दायरे में स्कूल होना अनिवार्य है, लेकिन सरकार इस जिम्मेदारी से भाग रही है। यह नीति न केवल बच्चों को शिक्षा से वंचित करेगी, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को और पीछे धकेलेगी। इसलिए आम आदमी पार्टी यह मांग करती है और, मेरठ जिले में सरकारी स्कूलों को मर्ज करने की योजना को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए। स्कूल बंद करने के बजाय नए स्कूल खोले जाएं और शिक्षकों की कमी को दूर किया जाए, मिड-डे मील की गुणवत्ता में तत्काल सुधार किया जाए ताकि गरीब बच्चे स्कूल आने के लिए प्रेरित हो, सभी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं जैसे भवन, शिक्षक, और शिक्षण सामग्री तत्काल उपलब्ध कराई जाएं।
अंकुश चौधरी ने चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो आम आदमी पार्टी गांव-गांव और जिला मुख्यालय पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी। इस दौरान जिला महासचिव जीएस राजवंशी, एसके शर्मा, हबीब अंसारी, हेम कुमार, फुरकान त्यागी, शिव कुमार, सलीम मंसूरी, जावेद सिद्दीकी, कुंदन कुमार, वैभव मलिक आदि रहे।