- मेडिकल के जूनियर डाक्टर्स अपने साथियों के पक्ष में दो दिन से थे हड़ताल पर।
- जेआर के काम पर नहीं आने से मरीजों को हो रही थी परेशानी।
शारदा न्यूज, मेरठ। दो दिन से हड़ताल पर बैठे मेडिकल कॉलेज के जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों ने अपनी हड़ाताल वापस ले ली है। एलएलआरएम के प्रिंसिपल के समझाने और मरीजों को हो रही परेशानी के बाद जेआर डाक्टर्स ने यह फैसला किया है।
गौरतलब है कि 23 अक्टूबर को मेडिकल इमरजेंसी में मरीज के तीमारदारों व जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों के बीच मारपीट हो गई थी। इस प्रकरण में मेडिकल प्रशासन ने तीन जेआर डाक्टर्स को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया था। जबकि तीमारदरों की ओर से पुलिस में दी गई तहरीर के आधार पर मेडिकल थाना पुलिस ने चार डाक्टरों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया था।
– एससी-एसटी एक्ट हटानें की थी प्रमुख मांग
पुलिस द्वारा चार जेआर डाक्टर्स के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज होने के बाद कॉलेज के अन्य जेआर अपने साथियों के पक्ष में दो दिन से हड़ताल पर बैठे थे। डाक्टर्स की मांग थी कि पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट में जो मुकदमा दर्ज किया है वह वापस होना चाहिए। जबकि मेडिकल प्रशासन को भी जेआर के पक्ष में क्रास एफआइआर दर्ज करानी चाहिए और जिन डाक्टर्स को निलंबित किया गया है उन्हें मेडिकल प्रशासन तत्काल बहाल करे।
– दो दिन हड़ताल के बाद मेडिकल में मरीजों को हो रही थी परेशानी
बुधवार सुबह से गुरूवार दोपहर तक जेआर के हड़ताल पर चले जाने से मेडिकल के अलग-अलग वार्डो में भर्ती मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। जो गुरूवार दोपहर तक जारी रहा। इसके बाद मेडिकल के प्रिंसिपल डा. आरसी गुप्ता ने पहले तो जूनियर डाक्टर्स के प्रतिनिधि मण्डल को अपने केबिन में बुलाकर समझाया। इसके बाद स्वयं धरना स्थल पर जाकर हड़ताल पर बैठे कॉलेज के जूनियर रेजिडेंट डाक्टर्स को समझाया जिसके बाद वह हड़ताल समाप्त करने के लिए तैयार हो गए।
दो दिन से हड़ताल पर बैठे जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों ने हमारे समझाने के बाद हड़ताल समाप्त कर दी है। हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि मेडिकल प्रशासन उनके साथ है और उनकी मांगे पूरी करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहें है। इसके बाद डाक्टर्स हड़ताल समाप्त कर अपनी ड्यूटी पर लौट आए। – डा. आरसी गुप्ता, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज मेरठ।