सम्राट मिहिर भोज के बोर्ड पर जातिसूचक शब्दों को लेकर जताया विरोध।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। जनपद मेरठ में लगे सम्राट मिहिर भोज के बोर्ड पर लिखे जातिसूचक शब्दों के विरोध में सोमवार को क्षत्रिय समाज के दर्जनों सदस्यों ने कमिश्नरी चौराहे पर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने एक ज्ञापन डीएम कार्यालय पर सौंपते हुए बोर्ड से जातिसूचक शब्द हटाने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं होता है तो वह स्वयं कार्रवाई करेंगे।
ज्ञापन में आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा मेरठ शहर में सम्राट मिहिर भोज नाम का द्वार बनाया गया है। आरोप है कि, जिस पर सम्राट मिहिर भोज के नाम से पहले जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि, क्षत्रिय समाज की आपत्ति है कि, सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे से जाति सूचक शब्द को हटाया जाए। जबकि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में राहुल साहू वर्सेस स्टेट आफ एमपी के बीच वाद चला, जिसका रीट पिटीशन संख्या 20605 2021 है, जिसके क्लोज नंबर 15 में हाईकोर्ट ने आर्डर किया है कि, केवल सम्राट मिहिर भोज के नाम का मूर्ति पर इस्तेमाल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि, हाईकोर्ट के उपरोक्त आॅर्डर में जिला एडमिशन एडमिनिस्ट्रेशन की या जिम्मेदारी तय की गई है कि वह लॉ एंड आॅर्डर को मेंटेन करने का काम करें और ऐसे विषयों पर रोक लगाई जिसकी को एंड आॅर्डर खराब होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि, महाराजा सम्राट मिहिर भोज के वंशज अरुणोदय सिंह परिहार ने मीडिया के सामने आकर खुद यह बयान दिया है कि, हम अभी जीवित हैं और हमारे पूर्वज महाराज मिहिर भोज है। उसके बाद भी सम्राट मिहिर भोज के सामने अन्य जातियों के नाम लिखा जा रहे हैं, जबकि यह मामला अभी हरियाणा हाईकोर्ट में भी विचाराधीन चल रहा है।
कहा जाता, अगर किसी भी पार्टी का नेता यदि देश में समाज को तोड़ने का काम करता है, समाज में जाति का जहर घोलने का काम करता है और देश को जाति के नाम पर तोड़ने का काम करता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए और ऐसे नेताओं का विधानसभा हो या लोकसभा इनमें इनका आना बंद करें।