Home Meerut कमालपुर गांव की जमीन का अब ना हो अधिग्रहण, पढ़िए खबर

कमालपुर गांव की जमीन का अब ना हो अधिग्रहण, पढ़िए खबर

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किसानों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन।


शारदा रिपोर्टर

मेरठ। ग्राम कमालपुर के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए जागृति विहार एक्सटेंशन के तहत कमालपुर की जमीन का अधिग्रहण न करने की मांग की। उन्होंने कहा कि नियोजन समिति द्वारा पूर्व में की गई बैठक में ग्राम कमालपुर के खसरा नम्बरान में 68 मीटर चौड़ी इनर रिंग रोड़ प्रस्तावित की थी जो मास्टर प्लान के विरूध थी।

ग्रामीणों ने नियोजन समिति की संस्तुतियों पर कहा कि किसान पूर्व में इस रिपोर्ट पर अपनी आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। आपसी सहमति के आधार पर 45 मीटर चौड़ी रोड़ के अनुसार जो विश्लेषण समिति की रिपोर्ट नौ जून, 2003 में संस्तुति की गई थी, जिसके अनुसार उक्त खसरा नम्बरों से 45 मीटर चौड़ी भूमि का अवार्ड किया गया व बाकी भूमि को अर्जन मुक्त किया गया था। यह सब प्रकिया धारा 32 के नोटिफिकेशन के बाद की गई है जिससे स्पष्ट है कि धारा 32 में क्षेत्रफल त्रुटि वश 68 मीटर के अनुसार प्रकाशित हुआ था।

समिति द्वारा भी मास्टर प्लान के अनुसार 45 मीटर चौडा रोड़ की संस्तुति कर मेरठ मास्टर प्लान 2031 जारी किया गया है, जिसमे योजना संख्या 11 में 45 मीटर चौडाई की रोड़ दिखायी गई है। जिसके लिए पूर्व में भूमि का अवार्ड आपसी सहमति से कर भुगतान किया गया था, बाकी भूमि अर्जन मुक्त कर दी गई थी। अभी वर्तमान में भी 45 मीटर रोड़ मास्टर प्लान में है।

उसके बाद आपसी सहमति के आधार पर 45 मीटर चौड़ी रोड़ के अनुसार सम्बन्धित खसरा नं० से भूमि का अवार्ड जारी किया गया, बाकी भूमि को अर्जन मुक्त उपरोक्त तथ्यों का उल्लेख करते हुए विभाग द्वारा पत्र भी जारी किये गये।

लेकिन आवास विकास परिषद द्वारा खसरा नं0 24/1, 25, 31, 59, 60, 62, 63, 66, 71, व 72 स्थित ग्राम कमालपुर का फैसला अधिग्रहित 45 मीटर चौड़ी मास्टर प्लान रोड हेतु हुआ था, जो आज तक लागू नहीं हुआ है। किसानों ने आरोप लगाया कि आवास विकास परिषद कूटनीति व गैरकानूनी तरीके से अवार्ड किये गये हैं। खसरा नम्बरान में से जो समझौता हुआ है, उसमें से अतिरिक्त हम लोगों की भूमि जो पुन: अवार्ड के माध्यम से अपर जिलाधिकारी (भूअ) भूमि लेना चाहते हैं, आवास विकास के अधिकारियों व किसानों से सडक बनाये जाने पर सहमति हुई थी।

किसानों ने कहा कि उनसे 45 मीटर चौडी मास्टर प्लान रोड बनाने हेत, भूमि लेकर बाकी भूमि अर्जन मुक्त थी। 45 मीटर चौड़ी मास्टर प्लान रोड़ भूमि को छोड़ते हुए शेष बची भूमि पर अधिकांश भूमि पर आबादी, व्यवसायिक दुकाने, पूजा स्थल आदि बन चुके हैं। जल निगम द्वारा पानी की पाइप लाइन, सडकें व सीवर लाइन विद्युत विभाग द्वारा विद्युतिकरण किया हुआ है। विभिन्न मकानों पर पूरे क्षेत्र में गेल गैस द्वारा गैस की लाइन बिछाई हुई हैं। जिसका उपयोग कालोनी वासी कर रहे है। मूल खातेदार अपनी अधिकांष भूमि आबादी स्थल के रूप में विभिन्न व्यक्तियों को बेच चुके हैं।

उ०प्र० आवास विकास परिशद द्वारा खातेदारो से किये करार के अनुसार 45 मीटर चौड़ी मास्टर प्लान रोड की भूमि को छोड़कर शेष भूमि अर्जन मुक्त है। कॉलोनीवासी जो जमीन खरीद कर मकान बना कर रह रहे है, वो लोग मानसिक रूप से प्रताडित हो रहे हैं। किसी भी व्यक्ति के साथ कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है, जिसका जिम्मेदार आवास विकास होगा। अपर जिलाधिकारी (भूअ) मेरठ के कार्यालय से नोटिस प्राप्त होने से कालोनी वासियों में हड़कम्प मचा हुआ है, क्योकि उनके द्वारा अपने पूरे जीवन की कमाई इन प्लाटों को खरीदने व मकाने बनाने में लगायी गयी है।

इसलिए जिलाधिकारी इस संबंध में भौतिक रूप से जांच करा कर अवार्ड की कार्यवाही निरस्त कराएं। क्योंकि धारा 32 उपरोक्त ग्राम कमालपुर के खसरों पर 45 मीटर मास्टर प्लान रोड की जमीन लेते हुए शेष भूमि अर्जन मुक्त है।

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