ज्ञान प्रकाश, संपादक।
लोकसभा चुनाव में भले भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिला हो लेकिन नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन गए और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरु के रिकार्ड की बराबरी कर ली। इंडिया गठबंधन के नेता पहले दिन से कह रहे थे कि नरेन्द्र मोदी इस बार प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे लेकिन भाजपा ने कवि नीरज की पंक्तियों कारवां गुजर गया, गुबार देखते रहे को सार्थक सिद्ध कर दिया और नरेन्द्र मोदी समेत 69 सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली।
लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव में चार सौ पार का नारा दिया था लेकिन उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में भाजपा को हुए नुकसान के कारण भाजपा को सिर्फ 241 सीटों पर समझौता करना पड़ा था लेकिन सहयोगी संगठनों के सहयोग से एनडीए 293 सीटों पर कब्जा करने में कामयाब हो गया था। राहुल गांधी के नेतृत्व वाली इंडिया गठबंधन को 234 सीटों पर संतोष करना पड़ा। एनडीए की 293 सीटों को लेकर विपक्ष ने एक स्वर में भाजपा को निशाने पर लेना शुरु कर दिया था। हर कोई अपने अपने तर्क दे रहा था। विपक्ष के नेताओं ने खुद की हार को ताक पर रखकर भाजपा की कम सीटों को लेकर निशाना बनाना शुरु कर दिया था। एनडीए ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया और राष्ट्रपति ने इनके प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया।