– 50 श्रद्धालुओं से भरी बस रामलला के दर्शन कराकर जा रही थी काशी, नौ लोग घायल।
जौनपुर। 50 श्रद्धालुओं से भरी अउ बस पीछे से ट्रेलर में घुस गई। हादसे में 4 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। नौ लोग गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे में मरने वाले सभी श्रद्धालु छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे। वे रामलला के दर्शन करने अयोध्या गए थे। वहां से वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने जा रहे थे।
एसपी डॉक्टर कौस्तुभ ने बताया कि बस के आगे ट्रेलर चल रहा था। ओवरटेक के दौरान ड्राइवर ने कंट्रोल खो दिया और बस ट्रेलर से जा भिड़ी। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। हादसा इतना भयानक था कि आगे का केबिन पिचक गया।
घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया। ट्रेलर चालक से पूछताछ की जा रही है। हादसे के चलते हाईवे पर कुछ देर जाम रहा, जिसे बाद में पुलिस ने खुलवाया। हादसा वाराणसी-लखनऊ हाईवे पर लाइन बाजार थाना क्षेत्र के सीहीपुर के पास हुआ।
घायल यात्री दिलीप दास ने बताया- बताया कि हम 50 लोगों का एक ग्रुप 7 सितंबर को छत्तीसगढ़ से निकला था। हम सभी लोगों ने पहले अमर कंटक, मैहर देवी, चित्रकूट, वृंदावन, अयोध्या और फिर काशी विश्वनाथ दर्शन करने जा रहे थे।
रविवार सुबह वृंदावन से अयोध्या धाम पहुंचे थे। हमने रामलला का दर्शन किया और अन्य मंदिरों में भी पूजा-अर्चना की। इसके बाद आॅटो से अयोध्या घूमा। फिर रात 11 बजे खाना खाने के बाद हम सभी बस में बैठ गए। रात ज्यादा हो गई थी, इसलिए सभी लोग बस में सो गए थे।
दिलीप दास ने बताया कि अयोध्या से निकलने के बाद 3 बजे अचानक बस किसी गाड़ी से टकरा गई। मैं पीछे बैठा था, इसलिए उसे केवल हल्की चोटें आईं। जब मैं बस से उतरा तो देखा कि ड्राइवर का केबिन पूरी तरह पिचक गया था।
ड्राइवर की केबिन में दबकर मौत हो गई थी। बस बाईं ओर से ट्रेलर से बुरी तरह टकराई। हमारे गांव का एक साथी बस की खिड़की से आधा बाहर लटक रहा था। लोगों ने तुरंत घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची। सभी घायलों को अस्पताल ले गई। बस में सवार आशा भावल (38), रेखा बर्निक (40), गुलाब (35), ड्राइवर दीपक (40) की मौत हो गई।
हादसे में मरने वाली आशा भावल (38) के पति उपन ने बताया- हम लोग अमरकंटक, मैहर, चित्रकूट, वृंदावन, अयोध्या और बनारस दर्शन के लिए सात सितंबर को छत्तीसगढ़ से निकले थे।
कल रात हम काशी के लिए रवाना हुए थे। रास्ते में अचानक बस किसी गाड़ी से टकरा गई। टक्कर इतनी तेज थी कि ऊपर की सीट पर सो रहे यात्री नीचे गिर पड़े। ऊपर रखा सामान मेरे ऊपर आ गिरा।
किसी तरह सामान हटाकर मैं उठा और अपनी पत्नी को ढूंढने लगा। मैंने देखा कि वह बस की खिड़की और सीट के बीच बुरी तरह फंसी हुई थी। उसे उस हालत में देखकर मैं घबरा गया।
वह सिर से पांव तक खून से लथपथ थी। मैंने किसी तरह उसे खींचकर बाहर निकाला। मेरे दो बच्चे हैं और बेटी की शादी होने वाली है। मैं अपने बच्चों को क्या जवाब दूंगा? इतना कहते-कहते श्रद्धालु रो पड़ा।