- महायोजना 2031 में बदल जाएगी महानगर की तस्वीर, बढ़ेगा शहर का आकार।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। मेरठ महायोजना 2031 के चलते जल्द ही शहरवासियों को जनपद की तस्वीर बदली हुई नजर आएगी। जिसके चलते मेरठ महायोजना 2021 के मुकाबले दोगुना इसका आकार (1041 वर्ग किलोमीटर) रखा गया है, ताकि मेरठ का सुनियोजित विकास हो सके।
बता दें कि, इससे पहले महायोजना 2021 का आकार 500 वर्ग किलोमीटर था। महायोजना 2031 में जहां यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के प्रस्तावों को शामिल किया गया है, वहीं परतापुर में प्रस्तावित एसडीए मेरठ साउथ के भू-उपयोग को मिश्रित कर दिया है।
ताकि, यहां आवासीय योजना के साथ इंडस्ट्री, पार्क और आफिस बनाए जा सकें।
मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय की मानें तो महायोजना 2031 को औद्योगिकरण के साथ आवासीय, परिवहन और जनसुविधाओं की दृष्टि से तैयार किया गया है। समिट में हुए 500 एमओयू में से 82 औद्योगिक निवेश प्रस्तावों को महायोजना के मैप पर इंगित किया गया है। इनकी स्थापना से 2000 करोड़ का निवेश धरातल पर उतरेगा और हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। जबकि महायोजना में नौ नगर और 305 गांव शामिल किए गए हैं।
सरधना-बहसूमा मार्ग होगा 45 मीटर चौड़ा
महायोजना-2031 में सरधना-लावड़-मवाना-हस्तिनापुर और बहसूमा मार्ग को 36 मीटर से बढ़ाकर 45 मीटर कर दिया है। महायोजना 2031 में सरधना नगर पालिका के साथ ही नगर पंचायत लावड़, नगर पालिका मवाना, नगर पंचायत हस्तिनापुर और नगर पंचायत बहसूमा को शामिल किया गया है। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए मार्ग की चौड़ाई को 9 मीटर बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।
नगरीय कृषि होगा खत्म, औद्योगिक क्षेत्र होगा विकसित
महायोजना 2021 में शामिल नगरीय कृषि भूमि को महायोजना-2031 में खत्म कर दिया है। अब इस जमीन को अर्बन लैंडयूज कर दिया है। इसका उपयोग आवासीय, औद्योगीकरण के रूप में हो सकेगा। नगरीय कृषि भूमि पांचली खुर्द, दायमपुर, बटजेवरा, भावनपुर, अब्दुल्लापुर, गोकुलपुर, मुरलीपुर, परतापुर और भूड़बराल आदि में 852 हेक्टेयर नगरीय कृषि भूमि थी। अब इतनी बड़ी जमीन को आवासीय के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जाएगा। इस तरह में मेरठ में बड़ा औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना है।