Home Meerut खिलाड़ियों को सुविधाएं बहुत, एकाग्र होना जरुरी: पीटी उषा

खिलाड़ियों को सुविधाएं बहुत, एकाग्र होना जरुरी: पीटी उषा

0

खिलाड़ियों को सुविधाएं बहुत, एकाग्र होना जरुरी: पीटी उषा

 

  • खिलाड़ियों को सुविधाएं बहुत, एकाग्र होना जरुरी

  • कहा -खेलों के विकास के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध

    स्कूली स्तर पर खिलाड़ियों को खोजकर देंगे बेहतरीन प्रशिक्षण

  • भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा पहुंची गॉडविन होटल।


 

शारदा न्यूज़, संवाददाता।

 

मेरठ। हिंदुस्तान की महानतम एथलीट और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा का कहना है कि देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है लेकिन तमाम सुविधाएं होने के बावजूद भी खिलाड़ी एकाग्र होकर पूरी तरह से प्रैक्टिस नहीं कर रहे हैं। जबकि बड़े खेल आयोजन आने वाले हैं। उन्होंने कहा कि आईओए देश में खेलों के विकास और नई दिशा देने के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

अर्जुन अवार्डी और देश और विदेश में एथलीट में गोल्ड मेडलिस्ट पीटी ऊषा वर्तमान समय में राज्य सभा सांसद के अलावा भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष भी हैं।

शुक्रवार को पीटी उषा बागपत रोड स्थित होटल गॉडविन आईं। उन्होंने कहा कि आईओए की अध्यक्ष बनने के बाद से उनकी जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं और खेलों के मूलभूत ढांचे को और अधिक मजबूत करने के लिये प्रयास युद्धस्तर पर चल रहे हैं। गोवा में होने वाले नेशनल गेम में इस बार पहले के मुकाबले ज्यादा खेल होंगे। वहीं आईओए एशियन गेम के लिये सभी खिलाड़ियों को बेहतरीन कोचिंग और तैयारियों के साथ भेज रहा है। उम्मीद की जा रही है कि खिलाड़ी देश के लिये ज्यादा से ज्यादा पदक लाने में सफल रहेंगे।

आईओए अध्यक्ष ने कहा कि स्कूली स्तर पर खेलों को प्रोत्साहित करने के लिये बहुत जल्द योजना लाई जाएगी ताकि कम उम्र में बच्चों को उनकी प्रतिभा के आधार पर चयनित करके भविष्य का बेहतरीन खिलाड़ी बनाया जा सके।

पीटी ऊषा ने एक सवाल के जबाव में कहा कि आजकल के खिलाड़ियों को वर्ल्ड लेवल की सुविधाएं मिल रही है। उच्च कोटि के ट्रैक प्रैक्टिस के लिये मिल रहे हैं, इसके बावजूद पदक लाने का प्रतिशत उस हिसाब से ज्यादा नहीं है। युवा जल्दी सफलता पाने के चक्कर में डोपिंग में भी फंस रहे हैं। युवाओं को बताया जाना चाहिये कि डोपिंग से कैसे बचा जाए।

उन्होंने बताया कि बिना किसी सुविधा के रेलवे ट्रैक के किनारे या फिर जहां जगह मिली वहां प्रैक्टिस करके सफलता हासिल की है,इसके लिये कभी भी शार्ट कट तरीके से आगे बढ़ने की नहीं कोशिश की। रोल मॉडल के बारे में पूछे एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि 400 मीटर के वर्ल्ड चैम्पियन एडविन मोजेज से वो काफी प्रभावित थी और उनकी स्टेपिंग और गति पर नियंत्रण से काफी कुछ सीखा था। इसके अलावा फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह भी उनके लिये रोल माडल रहे हैं। जीवन के सर्वश्रेष्ठ पल के बारे में पूछे जाने पर उनका कहना था कि 1984 के ओलंपिक में आखिरी सैकेंड से भी कम में पदक गवाना जहां सबसे बड़ा दुख है तो वहीं फाइनल में पहुंचकर पदक तक पहुंचना सबसे ज्यादा खुशी का पल बन गया।

एक और उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सियोल एशियन गेम में टीम इंडिया को कोई भी गोल्ड मेडल नहीं मिल रहा था और पदक तालिका में काफी नीचे टीम पहुंच गई थी लेकिन उनके चार गोल्ड और कुश्ती के एक गोल्ड ने टीम इंडिया को पदक तालिका में अंडर फाइव में पहुंचा दिया था।

आईओए कार्यपरिषद सदस्य भूपेन्द्र सिंह बाजवा और भारतीय वुशु संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह बाजवा के साथ पीटी ऊषा ने काफी देर तक विचार विमर्श किया। इससे पहले भाजपा नेता जयवीर सिंह, समय सिंह सैनी, आरएसओ योगेन्द्र पाल सिंह, सीसीएसयू के खेल विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जीएस रुहेल आदि ने भी मुलाकात की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here