“जनता की समस्या देखूंगा तुम्हारी सुविधा नहीं”, आखिर किस पर भड़के मेरठ के एसपी ट्रैफिक
शुक्रवार (4 अक्टूबर) को ई-रिक्शा चालक संघ के पदाधिकारियों ने ट्रैफिक पुलिस पर रिक्शा चालकों के साथ उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पूर्व एमएलसी डा. सरोजनी अग्रवाल से शिकायत की।
मेरठ- यूं तो शहर की यातायात व्यवस्था ई-रिक्शाओं की बढ़ती संख्या और अवैध रूप से सड़कों पर की गई पार्किंग से लगातार बेपटरी होती जा रही है। जिसके चलते शहरवासियों को रोजाना जाम से दो-चार घंटे लेट होना पड़ता है। शहरवासियों की इस समस्या को देखते हुए हमने अपने अखबार शारदा एक्सप्रेस ने शहर वासियों का दर्द समझा और जाम के झाम की समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिसका असर यह हुआ कि ट्रैफिक पुलिस विभाग ने शहर में बेतरतीब तरीके से दौड़ने वाले ई-रिक्शाओं पर अंकुश लगाते हुए उनके रूट निर्धारित किये। साथ ही उनके पंजीकरण का भी अभियान चलाया। लेकिन रूट निर्धारित होने से ई-रिक्शा चालकों की आमदनी पर काफी फर्क पड़ा है। यह कहना है उत्तर प्रदेश ई-रिक्शा चालक वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी का।
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश ई-रिक्शा चालक वेलफेयर एसोसिएशन के दर्जनों पदाधिकारी एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा से मिले। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष विशाल कौशिक ने बताया कि, यातायात विभाग द्वारा ई-रिक्शाओं के रूट निर्धारित करने से चालकों की इंकम पर असर पड़ा है। जिसके चलते उन्हें अब रोजी-रोटी का संकट भी सताने लगा है।
प्रदेश अध्यक्ष विशाल कौशिक ने एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा से मांग करते हुए कहा कि, वह ट्रैफिक पुलिस विभाग द्वारा ई-रिक्शा और चालकों पर सख्ती ना करें और साथ ही ई रिक्शा चालकों को बिना किसी रूट के अपने वाहन चलाने दें। इस बात को लेकर एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा और संगठन के पदाधिकारी में तीखी नोक झोंक हो गई। इस दौरान एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा ने साफ कहा कि, शहर की यातायात व्यवस्था को बेपटरी नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि, अगर किसी ने नियमों का उल्लंघन करने की कोशिश की तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद संगठन के पदाधिकारी भाजपा नेत्री सरोजनी अग्रवाल से मिले और समस्या के समाधान की मांग की।