Wednesday, April 16, 2025
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पति का वहशियाना तरीके से कत्ल, गर्भवती होने पर भी मुस्कान को सजा में नहीं मिलेगी राहत

  • मुस्कान को सजा में नहीं मिलेगी राहत
  • अधिवक्ताओं के अनुसार सिर्फ जेल मैनुअल के अनुसार काम और खान-पान में होगा बदलाव

शारदा रिपोर्टर मेरठ। पति का वहशियाना तरीके से कत्ल करने के आरोप में प्रेमी संग जेल में बंद मुस्कान गर्भवती है। यह खुलासा सोमवार शाम को उसकी प्रेग्नेंसी रिपोर्ट आने पर हुआ। हालांकि इस खबर से मुस्कान के चेहरे पर खुशी के बजाए बेचैनी नजर आई। लेकिन बात अगर मुस्कान के केस की करें तो अधिवक्ताओं के अनुसार सजा या जमानत में उसे कोई राहत नहीं मिलने वाली है।

मुस्कान मामले में सरकारी वकील आलोक पांडेय का कहना है कि अगर कोई महिला बंदी गर्भवती होती है, तो उसे इलाज और डाइट की सभी अच्छी सुविधाएं जेल मैन्युअल के अनुसार दी जाती हैं। धारा 456 कहती है अगर कोई स्त्री, जिसे मृत्युदंड दिया गया है, सजा सुनाने के वक्त वो गर्भवती पाई जाती है, तब उच्च न्यायालय आदेश को आजीवन कारावास में बदल सकता हैं। लेकिन अगर उसे आजीवन कारावास ही मिलती है। तब उसमें कोई परिवर्तन नहीं होगा। वहीं अगर ऐसी महिला जिसकी डिलीवरी हो चुकी है, तब उसे मृत्युदंड दिया गया है तो वो सजा यथावत रहेगी।

वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल बख्शी का कहना है कि यह मर्डर केस है। इससे केस पर कोई असर नहीं होगा। गर्भवती होने के कारण मुस्कान की सजा में कोई रियायत नहीं होगी। जमानत की अर्जी दाखिल करने का एक ग्राउंड हो सकता है। मगर इससे ज्यादा कुछ नहीं। मेडिकल ग्राउंड के आधार पर मुस्कान को दूसरी जगह शिफ्ट करने के सवाल पर अनिल बख्शी ने कहा कि ऐसा सिर्फ तभी संभव होता है, जब डॉक्टर लिखकर दें। वैसे जेल में मेडिकल की सारी सुविधाएं रहती हैं। अच्छी डाइट, अच्छा इलाज। अगर मुस्कान को कोई समस्या होती है, तो उसे कस्टडी में ही जेल से अस्पताल में भेजा जा सकता है। गर्भवती की शारीरिक क्षमताओं को देखकर डॉक्टर निर्णय लेता है।

गर्भवती महिलाओं से भारी काम नहीं कराए जाते: मेरठ जिला जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा ने कहा- जेल मेन्युअल के अनुसार गर्भवती महिला बंदियों को उचित इलाज, हेल्थ सुविधाएं, उसी के अनुसार डाइट दी जाती है। समय-समय पर उनका परीक्षण कराया जाता है। उन्हें जेल के अस्पताल में रखा जाता है।

जेल के डॉक्टर उनका परीक्षण करते हैं। जरूरत पड़ने पर अगर डॉक्टर रिकमेंड करते हैं, तब उन्हें कस्टडी में जिला अस्पताल में इलाज और जांच के लिए भेजा जाता है। गर्भवती महिला बंदियों से जेल में भारी काम नहीं कराए जाते, उनकी सजा का असर उनके स्वास्थ्य और गर्भस्थ शिशु पर न हो इसका ध्यान रखा जाता है।

दोनों बंदियों का अल्ट्रासाउंड होगा

सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया ने कहा कि डॉ. कोमल ने बताया है कि मुस्कान और संगीता दो बंदी गर्भवती मिली हैं। दोनों का प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। दोनों महिलाओं को खून बढ़ाने वाली दवाएं दी गई हैं। कितने महीने की प्रेग्नेंसी है? अभी यह नहीं बता सकते, दोनों महिलाओं का अल्ट्रासाउंड कराया जाएगा।

वहीं मेरठ की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सरिता त्यागी का कहना है कि कई बार शुरूआत में या पहले महीने में प्रेग्नेंसी का पता नहीं चलता। दूसरे या तीसरे महीने में प्रेग्नेंसी कंफर्म होती है। ये किसी भी महिला के साथ हो सकता है। मुस्कान कितने महीने की प्रेग्नेंट है, यह जांच के बाद पता चलेगा।

 

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