– भोजन निम्न स्तर और गर्मी को लेकर है नाराजगी।
हाथरस। सिकंदराराऊ स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के कक्षा 6 से लेकर 12 तक के सैकड़ों छात्र मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए हैं । तहसील की तरफ से आ रहे बच्चों को पुलिस ने रास्ते में ही रोक कर साइड से बैठा दिया। बच्चे मौके पर हाथरस के जिलाधिकारी को बुलाने की मांग कर रहे हैं।
गर्मी व उमस के कारण बच्चों का हाल-बेहाल है। बच्चों के लिए पुलिस पानी का व्यापक प्रबंध कर रही है । सभी बच्चों को पानी की थैलियां दी गई हैं। बच्चों ने पानी तो ले लिया, लेकिन खाने के बिस्कुट के पैकेट लेने से साफ इनकार कर दिया।
Hathras Jawahar Navodaya Vidyalaya: बच्चों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन उनकी सुविधाओं को लेकर के आंखें बंद करके बैठा है। बच्चों को निम्न स्तरीय नाश्ता दिया जाता है। बच्चों के कमरे में जो पंख लगे हुए हैं, वे काफी पुराने होने के कारण बहुत धीरे-धीरे चलते हैं । बिजली न के बराबर आती है, जेनरेटर है लेकिन उसको चलाया नहीं जाता है। इसलिए बच्चों को पूरी रात पसीना बहाते हुए जाग कर रात काटनी पड़ रही है।
बच्चों का कहना है की दवा के नाम पर केवल पेरासिटामोल की टेबलेट दी जाती है। अच्छी कोई दवा बच्चों के लिए उपलब्ध नहीं है। बीमारी में फल नहीं मिलते हैं। बच्चों को विद्यालय प्रबंधन सारे नियमों का पालन करने के लिए मजबूर किया जाता है। बिजली न आने से गर्मी में बच्चे पूरी रात सोने की जगह जागते हैं तो सुबह पांच बजे उठ करके परेड और अन्य शारीरिक व्यायाम के लिए कैसे आ जाएं। इसके लिए बच्चों को प्रताड़ित किया जाता है।
सैंकड़ों की तादाद में कक्षा 6 से लेकर इंटरमीडिएट तक के बच्चे विरोध में हैं। सभी लोग कासगंज रोड पर सड़क पर बैठे हुए हैं । समाचार लिखे जाने तक गांव खेमगड़ी पर भारी संख्या में पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं। इधर कासगंज रोड पर भारी संख्या में कांवड़ लेकर के लोग चल रहे हैं। डाक कावड़ लेकर मोटरसाइकिल, ट्रैक्टरों से लोग दौड़ रहे हैं।
बच्चों को इसलिए साइड में निर्माणधीन सड़क पर बैठा दिया गया है। समाचार लिखे जाने तक बच्चे धूप और उमस से व्याकुल थे । उनके बीमार पढ़ने की संभावना प्रबल हो गई है। बता दें कि कुछ दिन पूर्व जिलाधिकारी एवं एसपी ने नवोदय विद्यालय का व्यापक रूप से निरीक्षण किया था, लेकिन यहां पर बैठे असंतुष्ट छात्रों का कहना है कि विद्यालय प्रबंधन ने अधिकारियों को अच्छी-अच्छी चीज दिखा करके वाह वाही लूट ली तथा क्लीन चिट दे दी। इस प्रकार तस्वीर का दूसरा पहलू काफी गंदा है। जब विद्यालय में रहना मुश्किल हो गया, तब कहीं जाकर के हम लोग अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे हैं।