- रात 11:20 बजे होगा कान्हा का जन्म, 30 क्विंटल फूलों से सजेगा फूल बंगला।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। शहर कृष्ण जन्माष्टमी के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है। भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है। इस बार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म 16 अगस्त की रात 11 बजकर 20 मिनट पर होगा। जन्म के तुरंत बाद मंदिरों में महाभिषेक किया जाएगा। शहर के बड़े-बड़े मंदिरों में खास तैयारी की गई है। कहीं भव्य झांकियां लगाई जा रही हैं, तो कहीं फूलों से बने दरबार सजे हैं। राधा-कृष्ण के दर्शन के लिए शहर और आस-पास के गांवों से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।
श्री राधा गोविंद मंदिर में इस बार 30 कुंतल फूलों से फूल बंगला सजाया जा रहा है। इसमें बेला और रजनीगंधा के अलावा विदेशी फूलों का भी इस्तेमाल हो रहा है। बांके बिहारी जी इस बार पीले और केसरिया रंग की खास पोशाक धारण करेंगे। यह पोशाक सीधे मथुरा-वृंदावन से मंगाई गई है। वहीं उनका अभिषेक चांदी के नए स्नान पात्र में किया जाएगा। मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालु इस अनोखे श्रृंगार को देखने के लिए खासे उत्साहित हैं।
मेरठ का ऐतिहासिक औघड़नाथ मंदिर भी इस बार पूरी तरह सज चुका है। इसकी सजावट वृंदावन की तर्ज पर की जा रही है। इसके लिए वहां से विशेष कारीगर बुलाए गए हैं। लाखों फूलों से मंदिर का श्रृंगार हुआ है और पूरे परिसर में राधे-राधे के जयघोष से गूंज सुनाई दे रही है।
16 अगस्त की रात श्रीकृष्ण का जन्म होगा और अगले दिन यानी 17 अगस्त को नंद उत्सव मनाया जाएगा। इस मौके पर बाल गोपाल को चांदी के पालने में झुलाया जाएगा। मंदिरों में विशेष झांकियां सजाई गई हैं, जिनमें खिलौनों और रंग-बिरंगे सामान से बाल स्वरूप की झलक दिखाई जाएगी।
औघड़नाथ मंदिर के अलावा बिल्वेश्वर मंदिर, लालकुर्ती स्थित पंचायती मंदिर, साकेत स्थित शिव मंदिर, राजराजेश्वरी मंदिर, बुढ़ाना गेट स्थित राधा कृष्ण मंदिर और जेल चुंगी स्थित शिव मंदिर में विशेष आयोजन होंगे।
कमिश्नरी आवास के पास स्थित शिव मंदिर भी जन्माष्टमी पर जगमगाने वाला है। हर साल की तरह इस बार भी यहां खास आयोजन होंगे। भक्तों के लिए मंदिरों के द्वार रातभर खुले रहेंगे। सुरक्षा और यातायात के लिए प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किए गए हैं।