- चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का 36वां दीक्षांत समारोह।
- राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा- ‘अनपढ़ों को शिक्षा देने से बढ़ेगा गोल्ड मेडल का महत्व’
शारदा रिपोर्टर मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के 36वें दीक्षांत समारोह का शानदार आयोजन हुआ। इसमें 220 छात्र-छात्राओं को पदक दिए गए। इनमें से एक मेधावी को चार, आठ को तीन-तीन, 41 को दो-दो और 110 को एक-एक स्वर्ण पदक मिला। समारोह में कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा पदकधारियों की महती जिम्मेदारी है कि वो अनपढ़ माताओं को प्राथमिक शिक्षा मुहैय्या कराएं तभी उनके पदक की महत्वता बढ़ेगी। किसी भी देश की निर्माण की आधारशिला शिक्षा होती है। शिक्षकों को इसका महत्व समझना चाहिये।
सीसीएसयू के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने छात्राओं के प्रदर्शन पर जताई खुशी।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विवि का 36वां दीक्षांत समारोह है। इसमें छात्राओं की संख्या बढ़ती जा रही है। मैने देखा कि 516 पदकधारियों में 82 प्रतिशत छात्राओं का स्थान है। विवि को गर्ल्स यूनिवर्सिटी बना देना चाहिये। छात्रों के लिये अलग से बना देना चाहिये। मैने कुलपति से कहा लेकिन उसके हाथ में नहीं है। पदक जीतने वालों और उनके अभिभावकों को बधाई। कई माताएं भी आई। एक मां से पूछा तो वो बोली मैं नहीं पढ़ी हूं लेकिन बेटी पदक जीत रही है। मैं पढ़ रही हूं और मां अनपढ़ हैं। इसमें मां को पढ़ाना चाहिये। इसके पीछे कई कारण हो सकते है। माताओं को कक्षा पांच तक पढ़ाना चाहिये तभी आपका अवार्ड सही माना जाएगा। आप सब जानते हैं कि पढ़ाई का माहौल बनाना पड़ता है। अनपढ़ माताओं को ढूंढ कर उनका सम्मेलन करना चाहिये। इसकी शुरुआत मेरठ से होनी चाहिये।
यूपी को सुखी समृद्ध प्रदेश कहा जाता है लेकिन माताएं अनपढ़ है। कितना विरोधाभास है। शिक्षा विभाग को इसको देखना चाहिये। प्रधानमंत्री नेशनल एजूकेशन पालिसी के तहत छात्रों को विवि तक पहुंचा रहे है। उन्होंने कहा कि 2024 में 26 प्रतिशत लोग ही विवि तक पहुंच पा रहे हैं। कक्षा एक में बच्चों का प्रवेश कराया जाए। हर साल देखना होगा कितने बच्चे ड्राप आउट हुए। अगर ऐसा किया तो 2030 तक शिक्षा का स्तर पूरा कर पाएंगे। राज्यपाल ने कहा कि हर साल हर महीने शिक्षा का विस्तार करना चाहिये।
एनसीसी कैडेटस ने परेड के जरिये सलामी दी।
कोई घर ऐसा नहीं होगा जिसमें टीवी न हो। आप इसमें क्या देखते हैं क्या सुनते है। झूठे प्रचारों का मंथन नहीं करते। मैं एक घंटा टीवी पर एपिक चैनल देखती हूं। हमारे पूर्वज क्या क्या करते थे। भारत की प्रतिष्ठा का पता चलता है। भारत एक है। नालंदा और तक्षशिला जैसे विवि थे। दुनिया भर के लोग देश में पढ़ने आते थे। फाहयान यहां शिक्षा ग्रहण करने चीन से आया था। उन्होंने भारतीय साहित्य का गहनता से अध्ययन किया था।
देश की राजधानी के समीप होने का फायदा मेरठ को मिल रहा है। पीएम नरेन्द्र मोदी अतीत और वर्तमान को जोड़ने का काम कर रहे हैं। किस तरह वेस्ट यूपी के लोगों ने स्वतंत्रता के आंदोलन में भाग लिया। इससे सीखना चाहिये। हम लोग अपने पूर्वजों के कार्यों को भूलते जा रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि मेरठ में विकास तेजी से हो रहा है। रैपिड, मेट्रो और एक्सप्रेस वे को भूलना नहीं चाहिये। वंदेभारत ट्रेन भी इस क्षेत्र के विकास में कारगर साबित होगी।
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