Wednesday, June 18, 2025
Homemauke kee najaakatसाक्षी के आंसुओं से बैकफुट पर आई सरकार

साक्षी के आंसुओं से बैकफुट पर आई सरकार

जाट राजनीति को ध्यान में रखकर सस्पेंड की गई डब्लूएफआई।


Editor Gyan Prakash
ज्ञान प्रकाश, समूह संपादक |

भारतीय कुश्ती महासंघ और कुछ पहलवानों के बीच चल रही लड़ाई सरकारी स्तर पर शुरु हो गई है। तीन दिन पहले भारतीय कुश्ती महासंघ के चुने गए नये अध्यक्ष संजय सिंह को लेकर महिला पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने विरोध शुरु किया और आंसुओं से भरी प्रेस कान्फ्रेंस के बाद उभर रहे विरोध के स्वर को देखते हुए खेल मंत्रालय ने संजय सिंह की अध्यक्षता वाली नई कार्यकारिणी को सस्पेंड कर दिया है। इससे पहलवानों में खुशी की लहर के फैलते ही अब दूसरे पक्ष ने कोर्ट जाने का ऐलान कर दिया है।

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह कददावर सांसद हैं और लंबे समय तक अध्यक्ष रहे हैं और कुछ पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाकर हंगामा कर दिया था। दिल्ली जंतर मंतर में लंबे समय तक धरना दिया था और विपक्ष ने इसे राजनीति का मुद्दा बनाया था। सरकार के आश्वासन के बाद पहलवानों ने धरना खत्म कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव हुए थे। संजय सिंह की अध्यक्षता में नई कार्यकारिणी का ऐलान भी कर दिया था। संजय सिंह के अध्यक्ष बनने से साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने विरोध के स्वर ऊंचे कर दिये थे और पदमश्री और पदक लौटा दिये थे। चुनाव को देखते हुए सरकार जाटों को नाराज नहीं करना चाहती है और हरियाणा, राजस्थान और वेस्ट यूपी के जाट वोटरों को भी ध्यान में रखना चाहती है, इस कारण नवनिर्वाचित संजय सिंह की कार्यकारिणी को खेल मंत्रालय ने आनन फानन में सस्पेंड कर दिया। सरकार की इस कार्यवाही को राजनीतिक रंग से देखा जा रहा है। जो सरकार ब्रजभूषण सिंह को गंभीर आरोपों के बाद भी गिरफ्तार नहीं कर सकी उसने साक्षी मलिक के आंसुओं के आगे सरेंडर कर दिया। सरकार के इस फैसले को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है और सोशल मीडिया पर लोग चटखारे लेकर पोस्ट डाल रहे है। संसद में सभापति उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ के अपमान को भाजपा भुनाने की कोशिश कर रही है, इस बीच पहलवानों की नाराजगी से जाट वोट बैंक का नाराजगी का डर भी सता रहा था। हालांकि खेल मंत्रालय का फैसला क्या रंग दिखाएगा ये आने वाला वक्त बताएगा लेकिन सरकार के इस फैसले का राजनीतिक रंग सबको दिखने लगा है।

वहीं पूर्व अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह का यह कहना कि मैंने कुश्ती से सन्यास ले लिया है लेकिन नई फेडरेशन कोर्ट में जाएगी कि नहीं यह वक्त बताएगा। इस पूरे मामले में हास्यास्पद बात यह है कि सरकार को तीन दिन बाद पता लगा कि भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव सही नहीं हुए हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Recent Comments