– यूट्यूब और गूगल से सीखा बनाने का फॉमूर्ला, दिल्ली से लाते थे कच्चा माल, तीन सगे भाई अरेस्ट
सहारनपुर। पुलिस ने प्रतिबंधित इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो आरोपी फरार हैं। पकड़े गए तीनों आरोपी आपस में सगे भाई हैं, जिन्होंने दो कारों को चलती फिरती फैक्ट्री में तब्दील कर रखा था। ये आरोपी प्रतिबंधित आॅक्सीटोसिन इंजेक्शन तैयार कर विभिन्न राज्यों में सप्लाई करते थे। मामला थाना गंगोह क्षेत्र का है।
लखनौती आलमपुर तिराहे पर हुई गिरफ्तारी: थाना गंगोह प्रभारी निरीक्षक पीयूष दीक्षित के अनुसार, पुलिस टीम लखनौती आलमपुर तिराहे पर वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान दो संदिग्ध कारों को रोककर तलाशी ली गई, जिसमें प्रतिबंधित इंजेक्शन और उससे जुड़ी सामग्री बरामद हुई। पुलिस ने मौके से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान नूरहसन, भूरा और सोनू के रूप में हुई है। तीनों आरोपी सगे भाई हैं। इनके दो अन्य भाई भूरा और उस्मान मौके से फरार हो गए, जिनकी तलाश जारी है।
तलाशी के दौरान पुलिस को दोनों कारों से 8.50 लाख रुपये की नगदी, 575 तैयार आॅक्सीटोसिन इंजेक्शन, छह पैकिंग मशीनें, 30 लीटर तैयार आॅक्सीटोसिन केमिकल और इंजेक्शन तैयार करने के उपकरण बरामद हुए। पुलिस ने दोनों कारों को भी कब्जे में ले लिया है।
उत्तराखंड और हरियाणा में होती थी सप्लाई: पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे लंबे समय से प्रतिबंधित इंजेक्शन बना रहे थे और उत्तराखंड तथा हरियाणा समेत वेस्ट यूपी के कई जिलों में इनकी सप्लाई करते थे। दिल्ली से एक व्यक्ति उन्हें इंजेक्शन बनाने का कच्चा माल उपलब्ध कराता था। तैयार इंजेक्शन को वे सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत और बुलंदशहर सहित अन्य जिलों में सप्लाई करते थे। फरार आरोपी उत्तराखंड और हरियाणा में इंजेक्शन बेचते थे।
यू-ट्यूब और गूगल से सीखा इंजेक्शन बनाना: हैरानी की बात यह है कि आरोपियों ने इंजेक्शन बनाना यू-ट्यूब और गूगल से सीखा। बिना किसी तकनीकी जानकारी या मेडिकल योग्यता के ये लोग अवैध रूप से आॅक्सीटोसिन इंजेक्शन तैयार कर रहे थे। वो इंजेक्शन बनाने का कच्चा माल दिल्ली से लेकर आते थे।
दिल्ली में उन्हें एक व्यक्ति कच्चा माल उपलब्ध कराता था। वो इंजेक्शन तैयार करने के बाद सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, बुलंदशहर समेत वेस्ट यूपी के कई जिलों में सप्लाई करते थे। फरार आरोपी उत्तराखंड और हरियाणा में इंजेक्शन बेचते थे।
स्वास्थ्य पर खतरनाक असर, विभाग ने की पूछताछ: स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी आरोपियों से पूछताछ की है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आॅक्सीटोसिन इंजेक्शन का प्रयोग आमतौर पर गाय और भैंस को जबरन ज्यादा दूध निकालने के लिए किया जाता है। इस तरह तैयार हुआ दूध मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। विशेष रूप से बच्चों और युवाओं के हार्मोन संतुलन को बिगाड़ता है, जिससे कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
सप्लाई चेन का पता लगाया जा रहा: पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। आरोपियों से यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि वे केमिकल कहां से लाते थे और किन-किन इलाकों में इंजेक्शन की सप्लाई करते थे। फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस की कई टीमें संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।