मेरठ। इलाज के दौरान लापरवाही बरतने से चार साल के बच्चे की मौत के मामले में कोर्ट ने झोलाछाप डॉक्टर मोहन कुमार को सात साल के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये जुमार्ने की सजा सुनाई है। अपर जिला जज राममंगल सिंह यादव की अदालत ने मोहन कुमार पुत्र जयपाल सिंह को दोषी करार दिया। यह मामला जुलाई 2021 का है।
मुंडाली क्षेत्र के भगवानपुर गांव निवासी दीपक तोमर का चार वर्षीय बेटा यश तोमर बुखार से पीड़ित था। इलाज के लिए परिजन उसे जयभीमनगर, गढ़ रोड स्थित झोलाछाप मोहन कुमार के पास ले गए थे। इलाज के दौरान डॉक्टर ने बच्चे को गलत इंजेक्शन लगा दिया, जिसके बाद उसकी हालत अचानक बिगड़ गई और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई।
घटना के बाद परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ जानलेवा हमले और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। जांच के बाद पुलिस ने अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान थाना प्रभारी रामगोपाल सिंह, शासकीय अधिवक्ता फरजाना मकसूद और पैरोकार कांस्टेबल जय शर्मा ने प्रभावी पैरवी की, जबकि पीड़ित पक्ष की ओर से एडवोकेट कुंवर हामिद ने पक्ष रखा। सभी साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने मोहन कुमार को दोषी ठहराया।
अदालत ने कहा कि मरीजों की जान से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फैसले के बाद क्षेत्र के झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कंप मच गया है।

