एजेंसी, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्वाड की बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र हेडक्वार्टर में पाकिस्तान को आतंकवाद के मामले में एक्सपोज कर दिया है। दरअसल यूएन हेडक्वार्टर में आतंकवाद के मुद्दे पर एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर संबोधित कर रहे थे। इस दौरान एस जयशंकर ने कहा आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित प्रदर्शनी द ह्यूमन कॉस्ट आॅफ टेररिज्म के उद्घाटन के दौरान विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि जब एक देश अपने पड़ोसी के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन करे, तो उसके खिलाफ सार्वजनिक रूप से आवाज उठाना जरुरी हो जाता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यह संयुक्त राष्ट्र की सभी बातों के विपरीत है, मानवाधिकार, नियम और मानदंड तथा राष्ट्रों को एक-दूसरे के साथ किस प्रकार व्यवहार करना चाहिए। जब आतंकवाद को पड़ोसी देश के खिलाफ समर्थन दिया जाता है, तब यह आतंकवाद की कट्टरता को बढ़ावा देता है। जब यह इस तरह के अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देता है, तो इसे सार्वजनिक रूप से शामिल करना जरूरी है और ऐसा करने का एक तरीका यह है कि वैश्विक समाज द्वारा निर्मित कट्टरता को चित्रित किया जाए।
एस जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर यूएनएससी से कहा कि आतंकवाद को समर्थन देने वालों को कोई छूट नहीं देनी चाहिए। जयशंकर ने कहा कोई परमाणु ब्लैकमेल नहीं चलने वाला। बता दें कि यह साफ-साफ डोनाल्ड ट्रंप को इशारा था। जो बार बार कह रहे थे कि एटामिक वॉर के खतरे की वजह सीजफायर हुआ।
एस जयशंकर ने आगे कहा 5 हफ्ते पहले यूएनएससी ने पहलगाम में आतंकी हमले की निंदा की थी। मांग की थी कि इसके अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाए। दुनिया को कुछ बुनियादी अवधारणाओं पर एक साथ आना चाहिए।
आतंकवादियों को कोई छूट नहीं दी जाएगी। परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकना चाहिए। राज्य प्रायोजित आतंकवाद को उजागर किया जाना चाहिए और उसकी गिनती की जानी चाहिए।