Wednesday, June 18, 2025
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छह करोड़ खर्च करने के बाद भी सड़कों पर पसरा अंधेरा


शारदा रिपोर्टर

मेरठ। महानगर की सड़कों पर आजकल अंधेरा पसरा रहता है। मुख्य मार्गों की हालत भी कुछ ऐसी ही है। महीनों से यही सब चल रहा है पर कोई देखने व सुनने को तैयार नहीं है। ऐसे में रोजाना घटनाएं हो रही हैं। यह हालत तब है, जबकि नगर निगम स्ट्रीट लाइट्स की मेंटिनेंस पर हर वर्ष छह करोड़ रुपये खर्च करता है।

दरअसल, नगर निगम के अधिकारियों ने हाल ही में वार्डों का सर्वे कराकर मार्ग प्रकाश व्यवस्था सुधारने की कवायद की थी। लेकिन सर्वे में स्ट्रीट लाइट व्यवस्था की हालत ही खस्ता मिली। सर्वे के अनुसार शहर के 274 स्थानों पर स्ट्रीट लाइट की खराब है या स्ट्रीट लाइट के तार टूटे हुए हैं या फिर तार ही नही हैं। वहीं कई जगह पर सीसीएमएस बॉक्स ही गुमशुदा हैं।

ईईएसएल ने नगर निगम अधिकारियों को जो रिपोर्ट दी है, उसमें 700 स्थानों पर सीसीएमएस स्थापित करने का दावा किया गया है। लेकिन निगम के सर्वे में अधिकतर स्थानों से सीसीएमएस गायब है। हालांकि अनुबंध के मुताबिक ईईएसएल को कुल 950 स्थानों पर सीसीएमएस स्थापित करना है। सीसीएमएस, एक प्रकार का सर्किट होता है, जिससे 40 से 50 स्ट्रीट लाइट एक स्थान पर जोड़कर चालू व बंद की जाती हैं।

गौरतलब है कि स्ट्रीट लाइट फेल्योर रेट दो फीसद से बढ़कर 12 फीसद तक पहुंच गया है। नगर निगम ने ईईएसएल से स्ट्रीट लाइट संचालन के लिए अनुबंध किया हुआ है। ईईएसएल को स्ट्रीट लाइट का यह ठेका साल 2024 तक दिया गया है। अनुबंध की शर्त के अनुसार प्रतिमाह नगर निगम ईईएसएल को 54 लाख रुपये यानी सालाना करीब छह करोड़ 48 लाख का भुगतान करता है।

नगर निगम के सहायक नगरआयुक्त इंद्र विजय का कहना है कि ईईएसएल की तरफ से स्ट्रीट लाइट के इंफ्र ास्ट्रक्चर जर्जर होने को लेकर पत्र दिया गया था। जिसके तहत सर्वे कराया गया था। सर्वे में स्ट्रीट लाइट की लाइनें जहां-जहां खराब मिल रही है, उनको सही कराया जा रहा है।

 

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