spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Thursday, December 25, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeculturalउमंगों को पूरा करने में लगी उमंग, कथक और तबले में...

उमंगों को पूरा करने में लगी उमंग, कथक और तबले में निपुड़ता ही लक्ष्य

-उमंग का लक्ष्य है कथक के जरिए देश और विदेश में नाम कमाएं और एक एकेडमी खोल कर लोगों को कथक से जोड़ें। उसका मानना है मन में सच्ची लगन हो तो सफलता जरूर मिलती है।

-


शारदा रिपोर्टर मेरठ। सफलता किसी की मोहताज नहीं होती है। बस अनुशासित लगन और कठिन परिश्रम सफलता के द्वार खोलती है। दिल्ली स्थित श्री राम कला केंद्र में महान कथक नृतक बिरजू महाराज के भतीजे शंभू महाराज से कथक का प्रशिक्षण लेने वाली उमंग उपाधाय का लक्ष्य है कथक और तबला वादन की दुनिया में नाम कमाऊं। पारिवारिक परिस्थितियों ने भले ही सपनों को पूरा करने में थोड़ा व्यवधान हुआ हो लेकिन उमंग ने ठान ली है वो अपने उमंगों को पंख लगा कर मानेगी।

माधवपुरम निवासी उमंग उपाध्याय ने जब अपनी बड़ी बहन अभिलाषा को थिरकते हुए देखा तो उसे लगने लगा था कि उसके पैरों में भी वही लचक है जो एक सफल नृत्यांगना बनने के लिए जरूरी है। अपनी बड़ी बहन से नृत्य की प्रेरणा लेने के बाद उसने ठान लिया था कि वो संगीत को अपने जीवन का आधार बना कर ही रहेगी। पूत के पांव पालने में दिखाई देते है। पिता नीरज उपाध्याय और मां सुनीता उपाध्याय और बहन मंजरी उपाध्याय ने होनहार उमंग के हुनर को पहचाना और उसके सपनों को पंख लगाने के लिए अपनी सहमति दे दी। मिलनसार और अपने धुन की पक्की उमंग ने कथक को अपना लक्ष्य बना लिया। शुरूआती ज्ञान लेने के बाद उमंग ने थापर नगर स्थित दीपक कथक केंद्र से विधिवत कथक की बारीकियां सीखी।

उमंग को यहां से डिप्लोमा भी हासिल हुआ। उमंग के सपनों ने उड़ान भरनी शुरू की और दिल्ली में श्री राम कला केंद्र में किशन  मोहन महाराज से कथक की बारीकियां सीखनी शुरू की। आठ माह में ही उमंग ने अपने गुरुजी को अपने टैलेंट से कायल बना लिया। कई बार गुरुजी उमंग को उसकी चपलता, पैरों के संतुलन, भाव भंगिमा, आंखों के खूबसूरत भाव के कारण तारीफ भी की थी।

उमंग ने कथक के साथ तबले को भी दूसरी रुचि बना लिया और देखते देखते स्नातक की डिग्री तबले में ले ली। इससे पहले उमंग ने संगीत में प्रवीण और प्रभाकर की डिग्री भी हासिल कर ली। चार साल जयपुर में रहकर उमंग ने बताया कि कथक से जिंदगी में पॉजिटीविटी आती है जीवन में शांति का अहसास होता है। उसका लक्ष्य है कथक के जरिए देश और विदेश में नाम कमाएं और एक एकेडमी खोल कर लोगों को कथक से जोड़ें। उसका मानना है मन में सच्ची लगन हो तो सफलता जरूर मिलती है।

Related articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

4,000,000FansLike
100,000SubscribersSubscribe

Latest posts