Wednesday, June 18, 2025
Homeउत्तर प्रदेशMeerutबिजली विभाग की करतूत, नब्बे लाख का ट्रांसफार्मर कर दिया कबाड़

बिजली विभाग की करतूत, नब्बे लाख का ट्रांसफार्मर कर दिया कबाड़

  • ट्रांसफार्मर खराब होने पर रिपेयरिंग का खर्च जेई से वसूलने का है प्रावधान।
  • तीन साल से कबाड़ में पड़ा है नब्बे लाख का ट्रांसफार्मर।

शारदा न्यूज, मेरठ। बिजली विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति देने के तमाम तरह के दावें किये जाते है। आमतौर पर बिजली आपूर्ती बाधित होने की मुख्य वजह ट्रांसफार्मर का खराब होना रहता है। इसके लिए विभाग ने नियम बनाया हुआ है कि यदि किसी भी बिजली घर में कोई भी ट्रांसफार्मर खराब होगा तो उसकी रिपेयर का खर्च एसडीओ व जेई से वसूला जाएगा। लेकिन इस नियम का फायदा कम नुकसान ज्यादा नजर आ रहा है। सहारनपुर के चौरादेव बिजली घर पर पिछले तीन सालों से नब्बे लाख का ट्रांसफार्मर कबाड़ बन गया है। लेकिन बिजली घर के अधिकारियों ने इसे न तो विभाग को सौंपा न ही इसे ठीक कराने की जहमत उठाई।

– नब्बे लाख कीमत, जिम्मेदार कौन

पीवीवीएनएल के अंतर्गत कुल चौदह जिले आते है, इन्हीं में से एक जिला सहारनपुर है। अब विभाग के नियम भी पूरे प्रदेश में एक ही होंगे इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता। तो फिर किस वजह से नब्बे लाख कीमत वाले ट्रांसफार्मर को कबाड़ में तब्दील किया जा चुका है इसका जवाब कौन देगा। इसके साथ ही सबसे अहम सवाल यह कि आखिर इस ट्रांसफामर को ठीक क्यों नहीं कराया गया। जबकि बिजली घर के एसडीओ व जेई की यह जिम्मेदारी है कि उनके बिजली घर के क्षेत्र में जो भी ट्रांसफार्मर खराब होगा तो उसे जल्द से जल्द ठीक कराया जाए।

– उच्च अधिकारियों ने भी क्यों नहीं ली सुध

आम उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिलती रहे इसके लिए विभाग तमाम तरह की व्यवस्थाएं करता है। लेकिन पांच केवी का ट्रांसफार्मर पिछले तीन सालों से कबाड़ में तब्दील हो गया है इसको लेकर विभाग के अधिकारियों ने भी कान में तेल डाल रखा है। पिछले तीन साल से जो ट्रांसफार्मर खराब पड़ा है जाहिर है उसकी जगह दूसरा ट्रांसफार्मर रखा गया होगा। सवाल यह कि क्या विभाग के पास कोई रिकार्ड नहीं है जिससे यह पता चल सके कि कितने ट्रांसफार्मर है और कितने खराब, इसके साथ ही कितने ट्रांसफर्मार कहां लगे है और इनमें से कितने नए है। कितने ट्रांसफार्मरों की रिपेयर का खर्च विभाग के जेई और एसडीओ उठा रहें है। कुल मिलाकर यह एक बड़े घोटाले की ओर इशारा है जो विभाग में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Recent Comments