– सरगना शुभम और राणा बंधु के घर भी खंगाल रही, सिरप कांड में 25 ठिकानों पर छापेमारी।
लखनऊ। कफ सिरप तस्करी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार सुबह बड़ा एक्शन लिया। लखनऊ, रांची और अहमदाबाद समेत देशभर में सिंडिकेट से जुड़े आरोपियों के 25 ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। यूपी की बात करें तो लखनऊ में सुबह 6 बजे टीम एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह की आलीशान कोठी पर पहुंची और तलाशी कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक, कोठी से कई संदिग्ध दस्तावेज, बैंक लेन-देन से जुड़ी फाइलें, डिजिटल डिवाइस और कथित हवाला एंट्रीज से जुड़े रिकॉर्ड मिले हैं। इन कागजात को जब्त कर लिया गया है। आलोक का घर सुशांत गोल्फ सिटी में है। बगल में बाहुबली धनंजय सिंह का भी घर है। आलोक एसटीएफ की गिरफ्त में है।
सहारनपुर के शास्त्री नगर में सिरप तस्करी मामले के आरोपी राणा बंधु विभव और विशाल के घर पर छापेमारी चल रही है। इस केस में सबसे पहले दोनों भाइयों की गिरफ्तारी हुई थी, जिसके बाद प्रदेशभर में छापेमारी शुरू हुई। दोनों ने एबॉट प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्म बनाई थी। विभोर राणा श्रीराम सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष है और बीजेपी के नेता है।
वाराणसी में सरगना शुभम जायसवाल और उसके सहयोगियों के घर छापेमारी चल रही है। सरगना शुभम जायसवाल दुबई में छिपा है। इस अवैध कारोबार के नेटवर्क में शामिल 6 बड़े चेहरे और 68 अन्य गिरफ्तारियां हुई हैं। 2 दिसंबर को मामले में एऊ की एंट्री हुई। मनी लॉन्ड्रिंग एंगल पर जांच चल रही है। एजेंसी के निशाने पर 50 आरोपी हैं।
लखनऊ में सुबह 6 बजे टीम एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह की आलीशान कोठी पर पहुंची और तलाशी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, कोठी से कई संदिग्ध दस्तावेज, बैंक लेन-देन से जुड़ी फाइलें, डिजिटल डिवाइस और कथित हवाला एंट्रीज से जुड़े रिकॉर्ड मिले हैं। इन कागजात को जब्त कर लिया गया है।
आलोक प्रताप मूल रूप से कैथी थाना बलुआ चंदौली का रहने वाला है। 2019 में एसटीएफ से बर्खास्त हो चुका है। इससे पहले उसका नाम 2006 में लखनऊ के आशियाना थाने में सोना लूटकांड में आया था, जिसमें 2022 में कोर्ट पर्याप्त सबूत न मिलने पर बरी कर चुका है।
एसटीएफ ने उसकी गिरफ्तारी सुशांत गोल्फ सिटी में दर्ज कफ सिरप के प्रकरण में की है। आलोक ने सुल्तानपुर रोड पर धनंजय सिंह के मकान के सामने ही एक लग्जरी मकान बनवाया है। इसी जून में इसका गृह प्रवेश हुआ था।
सहारनपुर के शास्त्री नगर में सिरप तस्करी मामले के आरोपी राणा बंधु, विभव और विशाल के घर पर छापेमारी चल रही है। सिरप तस्करी केस में सबसे पहले दोनों भाइयों की गिरफ्तारी हुई थी, जिसके बाद प्रदेशभर में छापेमारी शुरू हुई। दोनों ने एबॉट प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्म बनाई थी।
इससे पहले, राणा बंधुओं के दो सहयोगी अभिषेक शर्मा और उसके भाई शुभम शर्मा को लखनऊ के आलमबाग क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। दोनों के कब्जे से दो मोबाइल फोन और फर्जी फर्मों से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए थे।
ईडी के निशाने पर 50 से ज्यादा आरोपी
ईडी की 2 दिसंबर को इस मामले में एंट्री हुई। ईडी के निशाने पर शुभम जायसवाल, अमित सिंह टाटा, बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह, विभोर राणा, विशाल सिंह, भोला जायसवाल, आसिफ, वसीम, सौरभ त्यागी समेत 50 से ज्यादा आरोपी हैं। ईडी इस मामले में अब तक दर्ज सभी 128 एफआईआर, सामने आ चुके दवा फर्मों और कफ सिरप बनाने वाली कंपनी की जांच कर हर ब्योरा जुटा रही।
कफ सिरप का ये कारोबार दो हजार करोड़ का बताया जा रहा है। ईडी के अधिकारी इस मामले में एसटीएफ, एसआईटी, जिलों की पुलिस और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा जुटा चुके हैं। फिलहाल, ईडी की लखनऊ और प्रयागराज की टीमें पूरे प्रकरण की गहनता से छानबीन करने में जुटी हैं।
धनंजय सिंह कर चुके हैं सीबीआई जांच की मांग
अमित व आलोक की गिरफ्तारी के बाद से जिस तरीके से धनंजय की कफ सिरप मामले में घेराबंदी की जा रही है, इससे वो काफी नाराज बताए जा रहे हैं। उनका कहना है कि सार्वजनिक जीवन में कई लोगों के साथ फोटोझ्रवीडियो हो सकते हैं। मैं उन्हें व्यक्तिगत तौर पर जानता भी हूं। अब मेरे राजनीतिक विरोधी उनकी गिरफ्तारी के बाद भ्रम फैलाकर मेरी छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। इस मामले में राज्य सरकार गंभीरता से जांच करा रही है। फिर भी जिस तरीके से ये मामला अंतरराज्यीय है, इसकी व्यापक जांच सीबीआई से कराई जाए। इससे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और अनर्गल आरोपों व झूठी खबरों पर विराम लगेगा।

