Home CRIME NEWS MONEY LAUNDRING CASE- बुरी फंसी तमन्ना भाटिया: मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी...

MONEY LAUNDRING CASE- बुरी फंसी तमन्ना भाटिया: मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने 8 घंटों तक की पूछताछ

0

नई दिल्ली– ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने गुरुवार को अभिनेत्री तमन्ना भाटिया से ‘एचपीजेड टोकन’ मोबाइल ऐप से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के संबंध में 8 घंटों तक पूछताछ की, जिसमें बिटकॉइन और कुछ अन्य क्रिप्टोकरेंसी के खनन के बहाने कई निवेशकों को कथित तौर पर धोखा देने का आरोप है। ईडी ने कहा कि 34 वर्षीय अभिनेता का बयान उसके क्षेत्रीय कार्यालय में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया।

धन शोधन का यह मामला कोहिमा पुलिस की साइबर अपराध इकाई की प्राथमिकी से उपजा है, जिसमें विभिन्न आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन आरोपियों पर बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के जरिए भारी रिटर्न का वादा करके भोले-भाले निवेशकों को ठगने का आरोप है।

299 संस्थाओं को आरोपी बनाया

इस मामले में मार्च में ईडी ने दायर किये गये आरोपपत्र में कुल 299 संस्थाओं को आरोपी बनाया है, जिनमें 76 चीनी नियंत्रित संस्थाएं शामिल हैं, जिनमें 10 निदेशक चीनी मूल के हैं जबकि दो संस्थाएं अन्य विदेशी नागरिकों द्वारा नियंत्रित हैं।

पहले भी भेजा था समन

मिली जानकारी के मुताबिक तमन्ना भाटिया को ऐप कंपनी के एक कार्यक्रम में “सेलिब्रिटी के रूप में शामिल होने” के लिए कथित तौर पर कुछ धनराशि मिली थी और उनके खिलाफ कोई “अपराधी” आरोप नहीं थे। ईडी ने उन्हें पहले भी बुलानेे के लिए समन भेजा था, लेकिन उन्होंने काम के कारण समन टाल दिया और गुरुवार को पेश होने को कहा।

एचपीजेड टोकन एप के जरिये लोगों से धोखा

पुलिस ने कहा कि ‘एचपीजेड टोकन’ मोबाइल फोन एप्लीकेशन का इस्तेमाल आरोपियों ने निवेशकों को “धोखा” देने के लिए किया था। एजेंसी ने कहा कि बैंक खाते और मर्चेंट आईडी विभिन्न “शेल संस्थाओं” की ओर से खोले गए थे, जिनके पास “डमी” निदेशक थे, ताकि अपराध की आय को “स्तरित” किया जा सके। यह दावा किया गया कि ये धन अवैध ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी और बिटकॉइन माइनिंग के लिए निवेश के लिए “धोखाधड़ी” से प्राप्त किया गया था।

455 करोड़ की अचल संपत्ति जब्त

ईडी ने कहा कि 57,000 रुपये के निवेश पर तीन महीने तक प्रतिदिन 4,000 रुपये का रिटर्न देने का वादा किया गया था, लेकिन पैसा केवल एक बार दिया गया और उसके बाद आरोपियों ने निवेशकों से नए फंड की मांग की। ईडी ने इस मामले में देशव्यापी तलाशी ली और 455 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और जमा जब्त की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here