मौके की नजाकत-
मेरठ। तेज रफ्तार दुनिया में जहां पैसा ही खुशी का मानक बनता जा रहा है वही लोगो को डिप्रेशन की ओर भी धकेल रहा हैं। एक छोटी सी नौकरी के लिए लगातार बढ़ रही स्पर्धा के कारण लोग सहनशक्ति खोते जा रहे है। यही कारण है कि युवाओं खासकर छात्रों में सुसाइड की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। आज जिस तरह से बीटेक के छात्र ने तनाव में आकर हॉस्टल के कमरे में फांसी लगा कर जान दी है उसने सुसाइड की बहस को और गति दी है।