मेरठ– रामलीला कमेटी रजबन बाजार की ओर से बीती रात भी रामलीला में कलाकारों का अदभुत प्रदर्शन रहा। रामलीला के अध्यक्ष राजेश यादव व मुख्य संरक्षक सुधीर रस्तोगी डेरी वालों ने बताया आज की रामलीला का उद्घाटन सरधना विधायक अतुल प्रधान ने किया प्रथम तिलक करता में संजय राणा, हेमचंद ठेकेदार हसीन सैफी, अनूप सिंह, डॉक्टर प्रदीप चंद्र ठाकु,र अरुण अतुल गर्ग आदि रहे।
वहीं पूजन करता दुर्गा दास कनौजिया अशोक कनौजिया, राजेश कनौजिया, विनोद कनौजिया, अर्जुन कनौजिया रमेश कनौजिया बबली कन्नौजिया आदि रहे आज की रामलीला में दशरथ के दरबार में गुरु विश्वामित्र आते हैं और दशरथ से कहते हैं कि हम जब हवन यज्ञ करते हैं तो राक्षस आकर हमारे हवन को नष्ट कर देते हैं इसलिए तुम अपने पुत्र राम और लक्ष्मण को कुछ दिनों के लिए मेरे साथ वनों में भेज दो, जिससे वह राक्षसों का अंत कर सकें। राजा दशरथ राम और लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ वनों में भेज देते हैं, जहां पर तड़का नामक राक्षसी इनके पास आती है और विश्वामित्र गुरु को अपने पंजे में दबोचने का प्रयास करती है।
तभी राम और लक्ष्मण बीच में आ जाते हैं और तड़का नामक राक्षसी से भयंकर युद्ध के बाद वह ताड़का का अंत कर देते हैं ताड़का के मरने के बाद उसकी भाई मारीच और सुबहउ हो राम और लक्ष्मण से युद्ध करने के लिए आते हैं। लेकिन राम और लक्ष्मण उनका भी अंत कर देते हैं वहीं जनकपुरी में राजा जनक अपनी बेटी सीता का संबंध रखते हैं और उसका न्योता वह गुरु विश्वामित्र को भी भेजवाते हैं जनक के दरबार में एक विशाल धनुष रखा होता है राजा जनक यह ऐलान करते हैं, कि जो भी इस धनुष का चिल्ला चढ़ाएगा वही सीता का पति कहलाएगा।
देश देश के दूर के राजाओं ने वहां पर पहुंचकर अपना पराक्रम दिखाया लेकिन कोई भी धनुष का चिल्ला नहीं चढ़ा सका और अंत में गुरु विश्वामित्र के आदेश पर श्री राम ने धनुष का चिल्ला चढ़ा दिया और इस तरह से राम और सीता का विवाह वहां धूमधाम से मनाया गया। रामलीला की कमेटी में महामंत्री सतीश यादव सुनील कनोजिया कोषाध्यक्ष सुधीर भटनागर श्याम मदन, रजनीश यादव दीपक मुखी के अतिरिक्त शेर सिंह गुप्ता, दिनेश यादव जॉन वाल्मीकि, अशोक भटनागर, इंदर भाई, अमरनाथ गुप्ता आदि मौजूद रहे