– नगर कोतवाल और चौकी इंचार्ज समेत पूरी टीम लाइन हाजिर, डीएम-एसपी को लौटाया।
बाराबंकी। रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में सोमवार को छछइ छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर लाठियों से पीटने के मामले में योगी सरकार एक्शन में है। सीओ सिटी हर्षित चौहान, नगर कोतवाली प्रभारी आरके राणा और गदिया चौकी के सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। भाजपा जिलाध्यक्ष अरविंद मौर्य ने पुलिस कार्रवाई को एकतरफा बताया है। उन्होंने सीओ सिटी और गदिया चौकी इंचार्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी है।
इधर, घायल छात्रों को अस्पताल में बेड नहीं मिलने से स्थिति तनावपूर्ण हो गई। डीएम शशांक त्रिपाठी और एसपी अर्पित विजयवर्गीय जब घायलों का हालचाल लेने पहुंचे, तो नाराज छात्रों ने उन्हें अस्पताल में प्रवेश नहीं करने दिया। विरोध और नारेबाजी के कारण दोनों अधिकारियों को वापस लौटना पड़ा। राज्य मंत्री सतीश शर्मा ने रात में अस्पताल पहुंचकर घायल छात्रों से मुलाकात की। उन्होंने छात्रों को न्याय का आश्वासन दिया।
पुलिस लाठीचार्ज में 12 छात्र बुरी तरह से घायल हैं। छात्रों का आरोप है कि रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी 4 साल से एग्जाम नहीं करवा रही। 2021 में मान्यता खत्म हो गई थी। इसके बाद भी एडमिशन लिए जा रहे हैं। सोमवार दोपहर करीब 300 छात्र यूनिवर्सिटी के बाहर पहुंचे।
छात्रों के समर्थन में एबीवीपी कार्यकर्ता भी थे। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने प्रदर्शन करने पर पुलिस बुला ली। पुलिस के साथ कुछ लोग परिसर में घुस गए। उन्होंने छात्रों से हाथापाई शुरू कर दी। इस पर पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज कर दिया। पुलिस ने अइश्ढ कार्यकतार्ओं को भी लाठियों से जमकर पीटा। घायलों का लखनऊ में इलाज चल रहा है।
ये है पूरा मामला
सोमवार सुबह रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में एलएलबी के छात्र इकट्ठा हुए। उनके समर्थन में अइश्ढ कार्यकर्ता भी आ गए। सुबह से बारिश के बीच छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों ने आरोप लगाया कि यहां पर अवैध फीस वसूल रहे। न एग्जाम हो रहा न तो पैसा वापस दे रहे।
घायल छात्र विनय ने बताया कि हम लोगों के विरोध पर यूनिवर्सिटी से जुड़े लोग घर वालों को मैसेज करते हैं कि कॅरियर खराब कर देंगे। यहां के कुछ गुंडे मारने की भी धमकी देते हैं। सोमवार शाम में कुछ लोग आए और हमसे हाथापाई शुरू कर दी। सीओ हर्षित चौहान की मौजूदगी में पुलिस ने हम पर ही लाठी चार्ज किया गया।
पुलिस का कहना है कि छात्रों ने यूनिवर्सिटी के बाहर बने पुलिस चौकी में तोड़ फोड़ की। दरवाजे और खिड़की के शीशे तोड़ दिया। छात्र समझाने पर भी नहीं मान रहे थे। मामला बिगड़ता देख एडिशनल एसपी मौके पर पहुंचे। छात्रों ने पुलिस प्रशासन मुदार्बाद के नारे लगाए।
इसके बाद एसपी ने छात्रों से बात की। छात्रों ने शिकायत कर बताया कि हमें बिना गलती पर पीटा गया। इतने छात्रों के अभिभावक भी मौके पर पहुंचे। एसपी से बोले-बच्चों को इस तरह से कौन मारता है। एसपी ने जांच करने को कहा है।
2022 से यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द है
पुलिस के लाठी चार्ज में घायल छात्र नवीन ने बताया कि, रामस्वरूप यूनिवर्सिटी में 2022 से ही एलएलबी एडमिशन प्रक्रिया रद्द की गई है। उसके बावजूद यूनिवर्सिटी का प्रशासन पैसे वसूलने के चक्कर में 2022 से अब तक छात्रों का एडमिशन कर रहा है। हम लोग इसी को लेकर शांतिपूर्वक प्रोटेस्ट कर रहे थे। तभी यूनिवर्सिटी की तरफ से 10-20 गुंडे आए। उन्होंने हमसे बदतमीजी शुरू कर दी। माहौल बिगड़ता देख पुलिस वालों ने हम पर ही लाठी चार्ज कर दिया। हम लोगों की कोई गलती नहीं थी।