– ढोल की थाप पर नाचते गाते स्टाफ और स्टूडेंट ने विश्विद्यालय परिसर में किया गणपति का स्वागत
– गणपति बप्पा मोरिया, मंगल मूर्ति मोरिया से गूंजा विश्विद्यालय का प्रांगण।
शारदा रिपोर्टर मेरठ: गणपति बप्पा मोरिया, मंगल मूर्ति मोरिया। एक दो तीन चार गणपति की जय- जयकार पांच छह सात आठ गणपति हैं हमारे साथ। गणपति की भक्ति भरे इस माहौल में सरधना रोड स्थित महावीर विश्विद्यालय में गणपति के जयकारों के साथ ढोल की थाप पर नाचते गाते विश्विद्यालय मैनेजमेंट, शिक्षक, छात्र और समस्त स्टाफ की उपस्तिथि में गणेश चतुर्थी के अवसर पर शनिवार को फूलों की वर्षा के बीच गणपति का आगमन हुआ। गणपति आगमन के बाद विधि विधान से पूजा अर्चना कर विश्विद्यालय परिसर में गणपति की स्थापना की गई। इसके पश्चात गणपति आरती और प्रसाद वितरण हुआ। गणपति स्थापना के लिए महावीर विश्विद्यालय के कैंपस वन को गए विशेष फूलों से सजाया गया है और आकर्षक लाइटिंग की गई है।
गणेश चतुर्थी के अवसर पर गणेश आगमन पर शनिवार को सरधना रोड स्थित महावीर विश्विद्यालय का नजारा और माहौल बिलकुल बदले दिखाई दिए। शिक्षा के मंदिर का नजारा गणपति मंदिर सा दिखा। क्या मैनेजमेंट सदस्य क्या शिक्षक और क्या छात्र हर कोई गणपति (भगवान गणेश) की भक्ति में डूबा दिखाई दिया। महावीर विश्विद्यालय के कुलाधिपति यश कौशिक, वाइस चेयरपर्सन शीतल कौशिक, प्रबंध निदेशक तेजस भारद्वाज समस्त मैनेजमेंट स्टाफ के साथ मुख्यद्वार से हाथो मे गणपति मूर्ति लेकर ढोल नगाड़ों के साथ स्थापना स्थल तक पहुंचे। इस दौरान रास्ते में दोनो तरफ खड़े छात्रों और शिक्षकों ने फूलो की वर्षा कर गणपति का विश्विद्यालय परिसर में स्वागत किया। इस दौरान परिसर में गणपति बप्पा के जयकारों के साथ झूमते हुए स्टाफ और छात्रों ने विश्विद्यालय परिसर में गणपति आगमन की खुशी मनाई। वहीं शिक्षिकाओं ने मराठी परिधान (मराठी स्टाइल साड़ी)में जय जय देव जय देव भजन गाकर और नृत्य की प्रस्तुति से माहौल में गणपति भक्ति का रस घोल दिया । इसके बाद विद्वान पंडितो ने विश्विद्यालय के कुलाधिपति यश कौशिक, वाइस चेयरपर्सन शीतल कौशिक और प्रबंध निदेशक तेजस भारद्वाज से विधिवत पूजा अर्चना कराकर गणपति की स्थापना कराई।
इस अवसर पर सभी विभागों के विभाग अध्यक्ष, शिक्षक, शिक्षिकाए और छात्र – छात्राएं उपस्थित रहें। स्थापना के बाद गणपति आरती की गई और प्रसाद वितरण किया गाया। पांच दिन तक गणपति विश्विद्यालय परिसर में ही विद्यमान रहेंगे और पांच दिन बाद बुधवार को धूमधाम के साथ पवित्र गंग नहर में गणपति विसर्जन किया जायेगा। इतने पांच दिनों तक सुबह शाम गणपति आरती होगी और प्रसाद वितरण होगा।