Home उत्तर प्रदेश Meerut छठ महापर्व कल से, डूबते हुए सूर्य को देते हैं अर्घ्य

छठ महापर्व कल से, डूबते हुए सूर्य को देते हैं अर्घ्य

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आठ नवंबर को होगा समापन, छठी माता की होगी पूजा।


शारदा रिपोर्टर

मेरठ। छठ पर्व को लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार से जुड़े लोगों में अभी से उत्साह देखा जा रहा है। दिवाली के बाद बहुत उत्साह के साथ छठ महापर्व को मनाया जाता है। इस दौरान घाट पर बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। अब जल्द ही इस पर्व की शुरूआत होने वाली है। छठी मैया को समर्पित महापर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है।

धर्मिक मान्यता है कि इस व्रत को सच्चे मन से करने से घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। छठ पूजा एक ऐसा पर्व है, जब डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर उपासना की जाती है।

वहीं, सनातन धर्म में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। अगर आप भी छठ पूजा कर रहे हैं, तो इस पर्व के आने पहले से यह जरूर जान लें कि पूजा थाली में किन चीजों को शामिल करना चाहिए, जिससे पूजा में कोई रुकावट न आए।

पंचांग के अनुसार, छठ पूजा की शुरूआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी 05 नवंबर से हो रही है। वहीं, इसका समापन अष्टमी तिथि यानी 08 नवंबर को होगा। इस दौरान छठी मैया और सूर्य देव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाएगी।

छठ पूजा के दौरान व्रत रखने वाले जातक को पलंग या तखत पर नहीं सोना चाहिए। वह जमीन पर चादर बिछाकर सो सकता है। इस पर्व के चार दिन तक व्रती को नए वस्त्र धारण करने चाहिए।

इसके अलावा मांस और मदिर का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से जातक को छठी मैया की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। किसी से वाद-विवाद न करें। साथ ही बड़े बुजुर्गों और महिलाओं का अपमान न करें। छठ पूजा के दौरान सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए।

ठेकुआ को प्रसाद के रूप में अर्घ्य देते समय सूरज देवता और छठी मैया को चढ़ाया जाता है। इसका स्वाद मीठा और कुरकुरा होता है, जिसे सभी बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं। छठ के लिए आप घर पर ठेकुआ बनाना चाहते हैं या आप घर से दूर हैं और छठ पूजा में नहीं जा पा रहे हैं, तो इसे आसान रेसिपी की मदद से ठेकुआ बनाकर इसका स्वाद ले सकते हैं।

 

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