– शास्त्रीनगर में भूउपयोग परिवर्तन मामले में सुप्रीम कोर्ट के रूख से व्यापारियों में बना दहशत का माहौल।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। आवास विकास प्राधिकरण ने शास्त्री नगर के सेंट्रल मार्केट में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद भाजपा नेताओं ने व्यापारियों को आश्वासन दिया था कि, अब सेंट्रल मार्केट में किसी भी प्रतिष्ठान कै ध्वस्त नहीं होने दिया जाएगा। लेकिन, आवास विकास के आदेश के बाद शास्त्री नगर स्थित सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों में बेचैनी बढ़ती जा रही है।

बाजार स्ट्रीट के लिए भी व्यापारियों को शमन शुल्क जमा कराना होगा। इसके लिए आठ से 110 फीट तक प्रतिष्ठान ध्वस्त करने होंगे, तभी बात बनेगी। बता दें कि, रविवार को व्यापारियों ने सेंट्रल मार्केट में काले बैनर लगा दिए। व्यापार बचाओ संघर्ष समिति की ओर से एक लाख परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट का हवाला देकर व्यापार व परिवार बचाने की मांग की गई।
दरअसल, सेंट्रल मार्केट के आवासीय भवन 661/6 में व्यावसायिक कॉम्पलेक्स के ध्वस्तीकरण के सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को आदेश दिए थे। करीब 10 महीने तक ध्वस्तीकरण न होने पर आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई। इस पर आवास एवं विकास परिषद ने 26 व 27 अक्तूबर को इसे ध्वस्त करा दिया। अब महीने भर बाद लोगों ने मलबे के ढेर पर ही साइन बोर्ड लगाते हुए आसपास दुकानें खोल दी थीं।
अब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आवासीय भवनों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों के तहत सभी अवैध निमार्णों को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। इससे व्यापारियों में बेचैनी है। वे लगातार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से वार्ता कर राहत तलाश रहे हैं। हालांकि, यह भी माना जा रहा है कि नई भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के तहत भी व्यापारियों को आठ से 10 फीट तक दुकानें ध्वस्त करनी होंगी, तभी वह शमन की प्रक्रिया में आ सकेंगे।
मेन सेंट्रल मार्केट के महामंत्री निमित जैन ने बताया कि बाजार में काले बैनर लगाए गए हैं। अब आवास विकास की अन्य कॉलोनियों में भी बैनर लगाए जाएंगे।

