- कैंट बोर्ट के पूर्व उपाध्यक्ष दिनेश गोयल ने लगाया आरोप, प्रशासन पर भी आरोप।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। सदर स्थित बिल्वेश्वर नाथ मंदिर के मामले में शनिवार को कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष दिनेश गोयल और मंदिर समिति के सदस्य गणेश दत्त शर्मा ने कुछ लोगों पर कथित रूप से मंदिर की संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया है। उन्होंने पुलिस-प्रशासन पर भी दबावपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया है। दिनेश गोयल ने बताया कि उक्त मंदिर परिसर में एक प्राचीन विरासत, पुरातात्विक कुआं मौजूद है, जो वास्तव में इलाके में रहने वाले सामान्य लोगों के लिए स्वच्छ भूजल का एक स्रोत था और यह भावनात्मक रूप से भी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि, मंदिर में पूजा पाठ करने के लिए आने वाले सभी लोगों द्वारा उसी पानी का उपयोग किया जाता था। ऐसी मान्यता है कि, रावण की पत्नी वहां पूजा करने के लिए आती थी और उसी कुएं के पानी का उपयोग करती थी। आरोप है कि, इस प्राचीन कुएं को कुछ आपराधिक मानसिकता वाले लोगों द्वारा व्यक्तिगत लाभ के मकसद से अवैध रूप से भर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि ये लोग कोई और नहीं वही लोग हैं जिन्होंने फर्जी और जाली दस्तावेज बनाकर उसी परिसर स्थित जगन्नाथ मंदिर की संपत्ति हड़पने की कोशिश की है। इस अवैध गतिविधि के खिलाफ पूर्व उपाध्यक्ष दिनेश गोयल और गणेश दत्त शर्मा द्वारा एनजीटी में एक याचिका दायर की गई है। जिसमें 25 पक्षों को नोटिस जारी किया गया है।
उन्होंने बताया कि इन लोगों में गणेश अग्रवाल, विवेक रस्तोगी नेताजी, पवन गर्ग, पारस गोयल, विजय गोयल, हरीश चंद जोशी, रूपक जोशी और अन्य शामिल हैं। लेकिन अभी तक पुलिस प्रशासन ने इन लोगों द्वारा किए गए इतने बड़े अवैध कार्य के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने बताया कि, हरीश चंद जोशी और रूपक जोशी ने उक्त मंदिर के एक कमरे पर कब्जा कर लिया, जिसे सत्संग भवन के रूप में जाना जाता है। लेकिन वास्तव में यह बहुत पुराने समय से यह एक कुआं वाला कमरा हुआ करता था। जिसमें कुएँ का सामान रखा जाता था। उन्होंने बताया कि, इन सभी लोगों का एकमात्र मकसद मंदिर को हड़पना और व्यक्तिगत व्यावसायिक लाभ करना है। इसलिए हम ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।