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उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला
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कांवड़ यात्रा मार्ग पर खुले में मांस बिक्री पर लगी रोक
शारदा न्यूज़, समाचार डेस्क |
लखनऊ। यूपी सरकार ने आज यानि बुधवार को सूचना जारी की है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में कांवड़ श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस की खरीद-बिक्री नहीं होनी चाहिए।
यात्रा मार्ग पर स्वच्छता-सेनिटाइजेशन बनाए रखा जाए। भीषण गर्मी को देखते हुए मार्ग में पेयजल की भी व्यवस्था की जाए। जहां भी भोजन शिविर लगें, टीम को खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच करनी चाहिए।
दरअसल, सावन का महीना चार जुलाई से शुरू हो रहा है। इस दौरान कांवड़ यात्रा निकाली जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि पिछले अनुभवों के आधार पर गोताखोरों की तैनाती की जाए और कांवड़ यात्रा मार्ग पर सीसीटीवी लगाई जाए। कांवड़ यात्रा के दौरान आवागमन बाधित न हो।
धार्मिक यात्राओं, जुलूसों में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हो। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। पर्व-त्योहारों के बीच बिजली आपूर्ति सुचारू रखें।
Uttar Pradesh | Respecting the faith of the Kanwar devotees, there should be no sale and purchase of meat in the open anywhere on the Kanwar Yatra route. Cleanliness-sanitization should be maintained on the yatra route. In view of scorching heat, arrangements for drinking water…
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 28, 2023
हमें सतर्क रहना होगा
सीएम योगी ने ये निर्देश आने वाले त्योहारों को देखते हुए कड़ी कानून-व्यवस्था व श्रद्धालुओं की सुविधाओं के संबंध में अफसरों को दिए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि चार जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है। इससे पहले 29 जून को बकरीद मनाया जाएगा। साफ़ है कि कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है।
इसलिए हमें सतर्क रहना होगा। विगत दिनों रमजान माह और ईद के अवसर पर धार्मिक कार्यों से यातायात प्रभावित नहीं हुआ। इस प्रयास की पूरे देश में सराहना हुई है।
मुहर्रम के मौके पर भी हमें यही व्यवस्था लागू रखनी होगी
साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार बकरीद और मुहर्रम के मौके पर भी हमें यही व्यवस्था लागू रखनी होगी। स्थानीय प्रशासन द्वारा इस संबंध में संबंधित धर्मगुरुओं, बुद्धिजीवियों से संवाद बना लिया जाए। कुर्बानी के लिए स्थान का चिन्हांकन पहले से ही होना चाहिए।
विवादित जगहों पर कुर्बानी नहीं होनी चाहिए। कहीं भी प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी न हो। हर जिले में कुर्बानी के उपरांत अपशिष्ट के व्यवस्थित निस्तारण की व्यवस्थित कार्ययोजना होनी चाहिये।