Friday, June 27, 2025
HomeTrendingकानून का दुरुपयोग रोकने को दहेज मामलों में सावधानी बरतें

कानून का दुरुपयोग रोकने को दहेज मामलों में सावधानी बरतें

  • सुप्रीम कोर्ट ने दहेज प्रताड़ना को लेकर सुनाया फैयला।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दहेज प्रताड़ना के एक मामले में अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून का दुरुपयोग रोकने के लिए अदालतों को दहेज मामलों में सावधानी बरतनी चाहिए। अदालत ने कहा कि यह एक सर्वमान्य तथ्य है, जो न्यायिक अनुभव से प्रमाणित है कि वैवाहिक कलह के कारण उत्पन्न घरेलू विवादों में प्राय: पति के परिवार के सभी सदस्यों को फंसाने की प्रवृत्ति होती है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अदालतों को दहेज उत्पीड़न के मामलों में कानून के दुरुपयोग को रोकने तथा पति के रिश्तेदारों को फंसाने की प्रवृत्ति को देखते हुए निर्दोष परिवार के सदस्यों को अनावश्यक परेशानी से बचाने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि वैवाहिक विवाद से उत्पन्न आपराधिक मामले में परिवार के सदस्यों के नामों का उल्लेख मात्र, बिना उनकी सक्रिय संलिप्तता के स्पष्ट आरोपों के, शुरू में ही रोक दिया जाना चाहिए। ठोस साक्ष्यों से समर्थित न होने वाले ऐसे सामान्यीकृत और व्यापक आरोप या विशिष्ट आरोप आपराधिक अभियोजन का आधार नहीं बन सकते।

पीठ ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए का प्रावधान पत्नियों/उनके रिश्तेदारों के लिए पति/उनके परिवार के साथ अपना हिसाब बराबर करने का कानूनी हथियार बन गया है, जबकि वे प्रावधान पति और उसके परिवार द्वारा महिलाओं पर की जाने वाली क्रूरता को रोकने के लिए लाए गए हैं, ताकि राज्य द्वारा त्वरित हस्तक्षेप सुनिश्चित हो सके। कोर्ट ने पति और उसके परिवार के खिलाफ व्यक्तिगत प्रतिशोध को बढ़ावा देने के लिए आईपीसी की धारा 498-ए जैसे प्रावधानों का दुरुपयोग करने की बढ़ती प्रवृत्ति की आलोचना की।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Recent Comments