एजेंसी, बैकांक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में शुक्रवार को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की। ये शेख हसीना के तख़्तापलट के बाद पीएम मोदी और मोहम्मद युनूस की पहली मुलाकात है।
बीते साल 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत आई थीं, तब से दोनों देशों के संबंध सामान्य नहीं रहे हैं। हालांकि, ये द्विपक्षीय बैठक ऐसे समय हो रही है जब ढाका ने मतभेदों को सुलझाने के लिए बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक का अनुरोध किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में शरण लेने के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ भारत की ये पहली हाई लेवल मीटिंग थी, जो अब खत्म हो चुकी है। ये बैठक पूरे 40 मिनट तक चली, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत हुई। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश से भाग गई थीं, जिसने उनकी अवामी लीग की 16 साल की सरकार को उखाड़ फेंका था। यूनुस ने दावा किया है कि ढाका ने कानूनी मुकदमे का सामना करने के लिए हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए भारत को औपचारिक पत्र भेजे, लेकिन नई दिल्ली से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली।
इससे पहले पीएम मोदी ने बैंकॉक में म्यांमार के वरिष्ठ जनरल महामहिम मिन आंग इंग से मुलाकात की है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन से इतर म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग इंग से मुलाकात की। हाल ही में आए भूकंप के कारण हुई जानमाल की हानि पर एक बार फिर संवेदना व्यक्त की। भारत इस कठिन समय में म्यांमार के अपने भाइयों और बहनों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।