शारदा रिपोर्टर मेरठ। आजाद अधिकार सेना ने गुरुवार को प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ने का आरोप लगाते हुए कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने भारत सरकार को संबोधित ज्ञापन डीएम कार्यालय पर सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की।
ज्ञापन में बताया कि भूमाफियाओं, राजनेताओं और कुछ अधिकारियों की सांठ-गांठ से आम नागरिकों की हत्याएं, पुलिस अभिरक्षा में मृत्यु, महिला उत्पीड़न, बलात्कार और सरकारी-निजी भूमि पर अवैध कब्जे हो रहे है। जिससे संवैधानिक तंत्र विफल हो चुका है।
उन्होंने कहा कि, बरेली में मुस्लिम समुदाय पर 26 सितंबर को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद पुलिस दमन, मस्जिदों पर छापेमारी और बुलडोजर कार्यवाही से भय का माहौल, कानपुर में भू-माफिया अखिलेश दुबे द्वारा सरकारी भूमि पर कब्जा, फर्जी केस, और रंगदारी, वरिष्ठ आईपीएस अमिताभ यश पर उनके संरक्षण के आरोप और फतेहपुर में छात्रों के दमन की घटनाएं शामिल है। इसी प्रकार नोएडा में किसानों पर अत्याचार, गोरखपुर, बहराइच आदि में आम नागरिकों की हत्याओं की बढ़ती घटनाएं और उनमें दोषियों पर कार्यवाही का स्पष्ट अभाव भी साफ दिख रहा है।
इसी तरह मेरठ में 1500 करोड़ की सरकारी भूमि और आनंदा डेयरी की 1000 करोड़ की जमीन पर बीजेपी नेताओं द्वारा पुलिस प्रशासनिक गंठजोड़ से अवैध कब्जा का मामला भी सामने आया है। आजाद अधिकार सेना के मंडल अध्यक्ष मास्टर अजीज ठेकेदार ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की ध्वस्तता, भ्रष्टाचार और नागरिकों की सुरक्षा में विफलता के कारण तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग की है। साथ ही बरेली, कानपुर, मेरठ के मामलों की सीबीआई जांच के अलावा फर्जी मुकदमों और बुलडोजर कार्यवाही पर रोक लगाए जाने की मांग भी की।
विरोध प्रदर्शन के दौरान जिला अध्यक्ष बुद्धिप्रकाश, मंडल मीडिया प्रभारी मोहन देव, सुरेन्द्र कुमार कश्यप, योगेंद्र सिंह धर्मपाल सिंह, देवेंद्र गिरी, रईस हिंदुस्तानी, शकील सैफी, फरमान चौधरी, नरेंद्र बंसल आदि रहे।