- कॉन्टिनेंटल कर्मचारियों की मांग को लेकर उपश्रमायुक्त से मिले सपा विधायक।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। पल्लवपुरम स्थित कॉन्टिनेंटल टायर कंपनी के सैंकड़ों कर्मचारियों को कंपनी से बाहर निकाल दिया गया है। जिसके समर्थन में अब सरधना विधायक अतुल प्रधान सामने आ गए हैं। गुरुवार को सपा विधायक अतुल प्रधान कंपनी के कर्मचारियों के साथ गेट पर धरना दिया। मगर कंपनी का कोई भी प्रतिनिधि नहीं आया। इस बात से गुस्साए सपा विधायक कंपनी के सैंकड़ों कर्मचारियों के साथ शुक्रवार को श्रम विभाग पहुंचे और वार्ता की।
दरअसल, मोदीपुरम में टायर निमार्ता कंपनी कॉन्टिनेंटल ने ट्रक और बस के टायर निर्माण की यूनिट को बंद कर करीब 274 कर्मचारियों से इस्तीफे लिए हैं। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि 20 साल की सैलरी देने के लेटर पर कर्मचारियों से हस्ताक्षर कराए गए। अलग-अलग कर्मचारियों को 45 से 60 महीने तक का ही वेतन दिया गया। ज्यादातर कर्मचारियों ने 274 महीने से 294 महीने के वेतन की मांग करते हुए धरना दिया।
कर्मचारियों के पक्ष में सपा विधायक अतुल प्रधान भी धरने पर बैठे और रोष जताया। जबकि, कर्मचारियों को यूनिट के गेट के अंदर जाने की भी अनुमति नहीं दी जा रही थी। कंपनी के कर्मचारियों की परेशानियों को देखते हुए गुरुवार को सपा विधायक अतुल मौके पर पहुंचे और कर्मचारियों के साथ गेट पर धरना दिया। इस दौरान प्रबंधन की ओर से कोई भी कर्मचारी नहीं पहुंचा। हंगामा बढ़ने पर श्रम विभाग से प्रर्वतन अधिकारी सुधा तोमर, पीएसी और पुलिस की टीम पहुंची। इस दौरान अतुल प्रधान की पुलिस अधिकारियों के साथ नोकझोंक भी हुई।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की समस्या का जब तक समाधान नहीं होगा, धरना जारी रहेगा। प्रबंधन को अवगत कराया गया है कि कर्मचारियों की मांग को पूरा किया जाए। अचानक 274 कर्मचारियों के परिवारों को संकट में डाल दिया गया है। इस दौरान अतुल प्रधान ने आरोप लगाया गया कि लेटर देकर जबरन हस्ताक्षर कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस पूरी तरह प्रबंधन के पक्ष में है। समस्या का समाधान न होने पर तंबू लगाकर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।
वहीं, श्रम विभाग पहुंचे जटौली के रहने वाले आॅपरेटर विकास ने बताया कि उनकी 20 साल की नौकरी शेष है। इस उम्र में कहीं और नौकरी मिलना संभव नहीं है। आरोप लगाया कि प्रबंधन ने 20 साल का वेतन देने के पत्र पर हस्ताक्षर कराए हैं, लेकिन 45 महीने तक का ही वेतन दिया जा रहा है। इलेक्ट्रीशियन ने बताया कि, हमें आश्वासन दिया गया था कि 294 महीने का वेतन दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
आॅपरेटर अनुज गर्ग ने बताया कि 45 महीने से लेकर अधिकतम 60 महीने का ही वेतन दिया जा रहा है। यह ठीक नहीं है। बता दें कि, मेक इन इंडिया पहल के तहत यह यूनिट शुरू की गई थी।
मोदीपुरम में वर्ष 2011 में कॉन्टिनेंटल ने मोदी टायर्स कंपनी का लगभग 117 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया। कंपनी ने इस संयंत्र में 50 मिलियन यूरो का निवेश कर रेडियल टायर उत्पादन की क्षमता बढ़ाई। वर्तमान में इस संयंत्र में 2.2 लाख रेडियल टायर (ट्रक और बसों के लिए) का उत्पादन किया जा रहा था। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कंपनी का सहयोग किया। अब कंपनी ने ट्रक और बस के टायरों का निर्माण बंद कर दिया है। अब सिर्फ कार के टायर बनाए जा रहे हैं।
कॉन्टिनेंटल के कर्मचारियों का आरोप है कि प्रबंधन की ओर से तय की गई राहत धनराशि नहीं दी गई है। इस संबंध में कर्मचारियों ने यूनिट के गेट पर धरना दिया। श्रम विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों से बातचीत की गई। लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।