Monday, April 21, 2025
Homeशहर और राज्यउत्तर प्रदेशअसिस्टेंट कामर्शियल इंस्पेक्टर घूस लेते गिरफ्तार, एंटी करप्शन टीम ने दबोचा

असिस्टेंट कामर्शियल इंस्पेक्टर घूस लेते गिरफ्तार, एंटी करप्शन टीम ने दबोचा

– जिला पूर्ति अधिकारी के नाम पर मांगे थे एक लाख, 


कानपुर। एंटी करप्शन यूनिट ने जिला आपूर्ति विभाग में तैनात असिस्टेंट कामर्शियल इंस्पेक्टर को दस हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।

एंटी करप्शन यूनिट ने आरोपी कामर्शियल इंस्पेक्टर से पूछताछ के बाद आरोपी के खिलाफ कोतवाली थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। आरोपी को गुरुवार को लखनऊ एंटी करप्शन कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा।

एक अप्रैल को डिप्टी खेड़ा पारा लखनऊ निवासी अभिषेक श्रीवास्तव ने एंटी करप्शन यूनिट में शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि उनकी फर्म अवध इण्टरप्राईजेज आरएफसी (खाद्य एवं रसद विभाग) में पंजीकृत है। फर्म को मण्डलायुक्त कानपुर के अनुमोदन पर 26 जून 2024 को सिंगल स्टैज डोर स्टेप डिलीवरी परिवहन के काम के लिए हैंडलिंग व परिवहन का ठेका दिया गया गया था।

अभिषेक के मुताबिक फर्म द्वारा एफसीआई गोदाम से खा‌द्यान्न उठाकर कोटेदारों की दुकान पर पहुंचाने का कार्य किया जाता है। फर्म द्वारा माह फरवरी व मार्च का कार्य पूरा करने के बाद जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय कानपुर में ट्रकों के चलने की दूरी फीड की जाती है। उसी के हिसाब से भुगतान होता है। जिला पूर्ति कार्यालय में सहायक वाणिज्य निरीक्षक(असिस्टेंट कामर्शियल इंस्पेक्टर) हिमांशु गुप्ता द्वारा दूरी फीड करने के एवज में एक लाख रुपये रिश्वत मांगी गई।

उन्होंने जिला पूर्ति अधिकारी के नाम पर रिश्वत मांगी। काफी समझाने के बाद भी बिना रिश्वत लिए उन्होंने काम नहीं कर रहे हैं। अभिषेक ने एंटी करप्शन यूनिट को बताया कि वो वैध काम के लिए रिश्वत नहीं देना चाहता। बल्कि वो असिस्टेंट कामर्शियल इंस्पेक्टर को रंगे हाथ पकड़वाना चाहते हैं। प्रार्थना पत्र मिलने के बाद प्री ट्रैप टीम ने एंटी करप्शन इंस्पेक्टर सुशील पाराशर को गोपनीय जांच की जिम्मेदारी दी गई। जिसकी रिपोर्ट में इंस्पेक्टर ने जानकारी दी कि शिकायत सही है।

आरोपी असिस्टेंट कामर्शियल इंस्पेक्टर हिमांशु गुप्ता की आम शोहरत एक भ्रष्ट अराजपत्रित अफसर की है। इंस्पेक्टर ने ट्रैप किये जाने की संस्तुति अपनी रिपोर्ट में दी। इंस्पेक्टर सुशील पाराशर की रिपोर्ट के बाद प्रभारी इंस्पेक्टर अर्चना शुक्ला ने उच्च अधिकारियों को प्रकरण के बारे में जानकारी दी। उच्च अधिकारियों ने इंस्पेक्टर सूर्य प्रताप सिंह के नेतृत्व में इंस्पेक्टर मृत्युंजय कुमार मिश्र, सुशील पाराशर, हेड कांस्टेबल रवि वर्मा, आशीष कुशवाहा, बृजनन्दन व सिपाही प्रशांत, शिवम, संतेन्द्र, धनेन्द्र कुमार की टीम गठित कर आॅपरेशन ट्रैप की संस्तुति दे दी।

इसके बाद दो सरकारी गवाहों के लिए डीएम को जानकारी दी गई। जिसपर डीएम ने हेड क्लर्क डीआईओएस सतवीर सिंह सचान और जूनियर क्लर्क डीआईओएस 2 अंचल सिंह को नामित कर दिया।

दो अप्रैल 2025 को डीएम कैम्प कार्यालय पर सभी को बुलाया गया। सरकारी गवाह एंटी करप्शन टीम को मिले। इसके बाद सिपाही धनेन्द्र से ट्रैप किट से फिनॉफ्थलीन पाउडर निकालकर शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए दस हजार (500 के 20 नोट) पर फिनाफ्थलीन पाउडर लगाकर ट्रीट करवाया गया। ट्रीटेड नोटों को एक सफेद कागज में रखवा कर शिकायतकर्ता को दिए गए। शिकायतकर्ता को जानकारी दी गई कि जब आरोपी रिश्वत मांगे तो यही नोट उन्हें दिए जाए।

इसके बाद अभिषेक को सरकारी गवाह अंचल सिंह को आरोपी के कार्यालय भेजा गया जहां आरोपी अपने कक्ष में मौजूद था। इसके बाद दस हजार रुपए देकर शिकायतकर्ता अभिषेक को भेजा। अभिषेक ने आरोपी को रिश्वत के केमिकल ट्रीटेड नोट दिए। नोट देने के बाद अभिषेक जब बाहर आया तो सिर खुजाकर एंटी करप्शन टीम को संकेत दे दिया। जिसके बाद टीम ने छापेमारी की और नोट बरामद किए। आरोपी के हाथ क्लोराइड सल्यूशन से धुलवाए तो वो गुलाबी हो गए जिससे पुष्टि हो गई।

एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर सूर्य प्रताप सिंह ने कोतवाली थाने में असिस्टेंट कामर्शियल इंस्पेक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इंस्पेक्टर के मुताबिक गुरुवार को आरोपी को लखनऊ कोर्ट में पेश किया जाएगा।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

ताजा खबर

Recent Comments