- मेरठ कॉलेज मेरठ की प्रबंध समिति ने शिक्षक पर लगाया अनुशासनहीनता का आरोप।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। तपती दोपहर में जमीन पर बैठाकर मेरठ कॉलेज के गेट पर लॉ डिपार्टमेंट के छात्रों को पढ़ाने के मामले में कॉलेज प्रबंधन के निर्देश पर प्राचार्या ने प्रोफेसर से से जवाब मांगा है। प्राचार्या का कहना है कि कॉलेज में कक्ष न होने की बात निराधार है। प्रोफेसर ने ऐसा क्यों किया? इस पर जवाब मांगा गया है।
ये था मामला
बुधवार को मेरठ कॉलेज मेरठ के गेट पर एक प्रोफेसर पत्थर की बैंच पर बैठकर जमीन में बैठे चार विद्यार्थियों को पढ़ा रहे थे। महाविद्यालय के लॉ डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एमपी वर्मा ने बताया कि मेरठ कालेज मेरठ में इस सत्र के दौरान बाहरी परीक्षाएं ज्यादा आयोजित हो रही हैं। जिसके कारण कक्ष खाली नहीं रहते हैं। उन्होंने बताया कि कई बार लाइब्रेरी में जाकर शिक्षण कार्य किया गया, लेकिन आज वहां पर पहले से ही कई कक्षाएं संचालित थी। ऐसे में मजबूरी में उन्हें यहां कक्षा संचालित करनी पड़ी।
एमपी वर्मा ने बताया कि जो छात्र पढ़ रहे हैं, वह एलएलएम द्वितीय सत्र के छात्र हैं। जिनका इस सत्र में अभी तक सिलेबस आधा भी पूरा नहीं हुआ है। प्रोफेसर ने बताया कि आए दिन होने वाली परीक्षाओं से अब ऐसा लगता है कि उनकी नियुक्ति भी पढ़ाने के लिए नहीं बल्कि शिक्षण कार्य के लिए हुई है। प्राचार्या भी परीक्षाओं के कारण अपनी मजबूरी बताकर पल्ला झाड़ लेती हैं।
वहीं छात्र मोहित शर्मा ने बताया था कि करीब ढाई माह से उनकी क्लास नहीं हुई है। क्योंकि लगातार यहां परीक्षा हो रही है। कमरे खाली नहीं रहते और प्रोफेसर परीक्षा ड्यूटी में रहते हैं। मोहित ने बताया कि उनकी 20 मई से परीक्षा है, लेकिन एक चौथाई कोर्स भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है। मोहित ने बताया कि पढ़ाई तो करनी है, इसलिए यह विकल्प चुना है। हालांकि बाहर बैठने से वाहनों की आवाज, धूप आदि परेशान कर रही है, लेकिन परीक्षा को देखते हुए कोर्स पूरा करना जरूरी है।
प्रबंध समिति ने लिया संज्ञान
मेरठ कालेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज ने कहा कि कॉलेज में परीक्षा होना सीसीएसयू की प्रक्रिया है। लेकिन कॉलेज में इतने कक्ष हैं कि परीक्षा और शिक्षण दोनों कार्य हो सकते हैं। प्रोफेसर का यह काम अनुशासनहीनता के दायरे में आता है, इसलिए प्राचार्या को उनसे स्पष्टीकरण मांगने को कहा गया है।
पहले से कक्ष निर्धारित है
प्राचार्या अंजली मित्तल ने बताया कि प्रोफेसर एमपी वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि लॉ डिपोर्टमेंट के शिक्षण के लिए कक्ष तय किया हुआ है। वह उस वक्त भी खाली था और उसमें कोई परीक्षा नहीं चल रही थी। प्रोफेसर का यह कृत्य महाविद्यालय की बदनामी करने वाला कदम है। इसलिए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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