भीषण गर्मी के बीच पूरे शहर की विद्युत आपूर्ति में हो रही जमकर कटौती,
कई इलाकों में कई-कई घंटे तक बिजली रही गुल,
शारदा रिपोर्टर मेरठ। भीषण गर्मी में मेरठ में बिजली की डिमांड दोगुनी हो गई है। आलम ये है कि शहर से देहात तक कई-कई घंटे की कटौती की जा रही है। लोड बढ़ने के साथ ही शहर के अधिकांश इलाकों में सबसे ज्यादा दिक्कतें हैं। कहीं जर्जर तार डैमेज हो रहे हैं तो कहीं केबिल बॉक्स में परेशानी तो कहीं ट्रांसफार्मर फुंक रहे हैं या खराब हो रहे हैं। भीषण गर्मी से लोग पसीना-पसीना हैं और रही सही कसर कटौती ने पूरी कर दी है। मेरठ में बिजली की डिमांड बढ़कर 1100 मेगावाट हो गई है।
बिजली की डिमांड शहर ही नहीं बल्कि देहात के इलाकों में भी दोगुनी हो गई है. एसी, पंखे और कूलर इस डिमांड को बढ़ा रहे हैं. शहरी इलाके में गर्मी से पहले करीब 400 मेगावाट बिजली की खपत थी, जो भीषण गर्मी पड़ने के बाद बढ़कर 700 मेगावाट के आंकड़े को पार कर गई है। देहात की बात करें तो गर्मी से पहले 200 मेगावाट की डिमांड थी लेकिन जैसे ही उमस भरी गर्मी शुरू हुई ये डिमांड बढ़कर 400 मेगावाट हो गई। इस बढ़ी डिमांड ने बिजली महकमे के सामने भी परेशानी खड़ी कर दी है, क्योंकि कमजोर सिस्टम कभी भी धोखा दे जाता है।
कहीं टूट रहे तार कहीं ट्रांसफार्मर दे रहे धोखा: बिजली महकमा भले ही अपना सिस्टम दुरुस्त करने का कितना भी बड़ा दावा क्यों हो न करता हो, लेकिन हर बार भीषण गर्मी में इसके कमजोर सिस्टम की हवा निकल जाती है। शहर से लेकर देहात तक बुरा हाल है। कहीं ट्रांसफार्मर फुंक रहे हैं तो कहीं बिजली के कमजोर और जर्जर तार टूट रहे हैं, जिसकी वजह से 24 घंटे बिजली का सपना इस भीषण गर्मी से अधूरा ही नजर आ रहा है।
ब्रह्मपुरी, माधवपुरम, सेंट्रल मार्केट, जानी, गंगानगर, सदर बाजार, मंगल पांडेय नगर, शास्त्री नगर, सेंट्रल मार्केट सहित कई इलाकों में दिक्कत ज्यादा है। दिन और रात दोनों ही समय बिजली गायब होने से शहवासी पसीना पसीना हो रहे हैं। जबकि, विधुत विभाग सबकुछ जानते हुए भी आंखें मूंदे बैठे हैं। जिससे लोगों में विधुत विभाग के अधिकारियों के खिलाफ गुस्सा है।
बिजली नहीं आने से लोग पानी को भी तरस रहे हैं। आलम यह है कि विधुत आपूर्ति ठप्प है। जिससे लोग बिलबिला उठे हैं और बिजली विभाग के अधिकारी आश्वासन देते नजर आ रहे हैं। जबकि, ना केवल आम जनमानस बल्कि व्यापारी भी बिजली गायब होने से परेशान हैं। जबकि, विधुत विभाग के पास आश्वासन देने के अलावा कुछ भी नहीं।