- एआईएमआईएम अध्यक्ष पर फरवरी-2022 में हुआ था हमला,
- कड़ी रही कचहरी की सुरक्षा।
हापुड़। ऑल इंडिया मजलिस -ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी कड़ी सुरक्षा के बीच हापुड़ पहुंचे। पिलखुवा में एनएच-09 स्थित छिजारसी टोल प्लाजा पर हुई फायरिंग के मामले में अपना बयान दर्ज कराया। तीन फरवरी 2022 को उनके काफिले पर फायरिंग हुई थी। इस दौरान कचहरी में ओवैसी की सुरक्षा के लिए दो एसडीएम, तीन सीओ और 40 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी।
फायरिंग के बाद पुलिस ने तेलंगाना के मुर्शिदाबाद निवासी यामीन और माजिद की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में गौतमबुद्धनगर के दुरियाई बादलपुर गांव निवासी सचिन, सहारनपुर के सापला बेगमपुर नकुड़ निवासी शुभम को गोली चलाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। पूछताछ के दौरान पुलिस को जानकारी मिली थी कि हमले में इस्तेमाल हुए हथियार मेरठ के थाना मुंडाली क्षेत्र के गांव राधना निवासी आलीम ने उपलब्ध कराए थे।
इसके बाद पुलिस ने धारा 120 बी के तहत अलीम का नाम मुकदमे में शामिल किया था। फिलहाल सचिन, शुभम और अलीम जमानत पर जेल से बाहर हैं। मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ जानलेवा हमले समेत विभिन्र धाराओं में मुकदमा दर्ज कर करीब 1900 पेज की चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की है।
चार्जशीट में 60 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं, इनमें 12 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय ज्ञानेंद्र यादव के न्यायालय में चल रही है। आजमगढ़ निवासीएआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत खां की गवाही दर्ज हो चुकी है। मामले में ओवैसी की गवाही दर्ज नहीं हुई थी।
जिस पर न्यायालय ने समन जारी किए थे। बुधवार को तारीख पर ओवैसी न्यायालय पहुंचे और न्यायाधीश के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए। इस दौरान आरोपी शुभम, सचिन व अलीम न्यायालय के कठघरे में खड़े रहे। आरोपियों ने भी अपने बयान दर्ज कराए हैं। बृहस्पतिवार को भी मामले में ओवैसी के शेष बयान दर्ज किए जाएंगे। इसके बाद आरोपी पक्ष के अधिवक्ता बयानों पर जिरह करेंगे।
युवाओं ने लगाए जय श्रीराम और भारत माता के जयकारे: करीब दो घंटे बाद जब असदुद्दीन ओवैसी न्यायालय से बाहर निकले तो वहां पहले से खड़े कुछ युवकों ने भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे लगाए। सीओ सदर जितेंद्र शर्मा ने बताया कि एक बार ही नारा लगा था। पुलिस ने सभी को रोक दिया था। कुछ अधिवक्ताओं ने ओवैसी के साथ सेल्फी भी ली। हालांकि पुलिस सुरक्षा के लिहाज से लोगों को ओवैसी के नजदीक जाने से रोक रही थी।
सुबह से ही छावनी में तब्दील हुई कचहरी
ओवैसी के आने की सूचना पर सुबह से ही पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड में रहा। सुबह साढ़े नौ बजे से ही जिले के बॉर्डर से लेकर कचहरी में न्यायालय तक पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई थी। तहसील से लेकर कचहरी तक जांच के बाद ही लोगों को अंदर जाने दिया गया। इस दौरान कई बार नोकझोंक भी हुई।
सोशल मीडिया पर चल रहा एक आरोपी का बयान
आरोपी सचिन का सोशल मीडिया पर बयान चल रहा है। जिसमें वह कह रहा है कि गोली किसने चलाई है, यह ओवैसी को ही पता है। बाकी न्यायालय का निर्णय ही सबकुछ तय करेगा। उसने यह भी कहा कि भगवान को भी धर्म के लिए आक्रामक बनना पड़ा था।