– निगम ने भी नहीं कराई सफाई।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। रावण दहन और दशहरा मेले के बाद शहर से लेकर कैंट तक कूड़े का ढेर लग गया। गुरुवार के बाद शुक्रवार को नाममात्र की ही सफाई हुई। कूड़ा भी कम उठा। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहे। जिसके चलते शहरवासियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि, संबंधित विभाग के अधिकारी जल्द सफाई व्यवस्था को दुरुस्त कराने की बात कह रहे है। लेकिन कूड़े से उठने वाली बदबू यहां से निकलने वाले लोगों को परेशान करती हुई दिखाई दी।
गुरुवार को दशहरा मेले की रौनक से शहर चकाचौंध रहा। लेकिन रात में दिखने वाली यह चमक सुबह होते-होते बदनुमा दाग में बदल गई। जिम्मेदारों का ध्यान मेला संपन्न कराने पर तो रहा, लेकिन इसके बाद पसरी गंदगी को किसी ने भी पलटकर नहीं देखा। चाहे रामलीला आयोजन समिति हो या नगर निगम अफसर-कर्मचारी, किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं गया।
मेला स्थल के बाहर जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहे। कूड़े के यह ढेर बता रहे हैं कि स्मार्ट सिटी को लेकर जिम्मेदार कितने गंभीर हैं। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि, यह सही है कि, आम दिनों में जो कूड़ा 900 से 1000 टन निकलता है तो दशहरा मेले के बाद यह बढ़कर 1500 टन पहुंच गया। जबकि, कैंट के विभिन्न इलाकों में भी कूडे के ढ़ेर लोगों को मुंह चिढ़ाते हुए नजर आए। वहीं, सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने वाले संबंधित विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का कहना है कि, शहर में युद्धस्तर पर सफाई कराई जाएगी।
ये हाल मेरठ के हर इलाके का है। मवाना रोड पर भगत लाइन के पास, जेलचुंगी, सूरजकुंड, शास्त्रीनगर, मोदीपुरम, गंगानगर आदि तमाम क्षेत्रों में मेले के बाद गंदगी का अंबार लगा है। जिसमें गुरूवार शाम को हुई बारिश के बाद कूड़ा गीला होने और शुक्रवार सुबह तेज धूप निकलने के बाद उसमें बदबू उठना शुरू हो गई है। जिससे लोग परेशान हैं।



