– रालोद के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक ने पत्रकार वार्ता में मांग को लेकर दिया समर्थन
शारदा रिपोर्टर मेरठ। मेरठ बंद के समर्थन को लेकर सोमवार को पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा के आवास पर प्रेसवार्ता हुई। इस दौरान उन्होंने बताया कि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय इलाहाबाद की खंडपीठ स्थापित किये जाने की मांग लगभग 70 वर्षों पुरानी है।

उत्तर प्रदेश भौगोलिक एवं जनसंख्या के दृष्टिकोण से भारत का विशालतम प्रदेश है। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 25 करोड़ है, जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों की जनसंख्या लगभग 8 करोड़ है। जनमानस की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए विभिन्न मंचों से, प्रदेश के विभाजन की मांग उठती रही है। जबकि, स्व० चौधरी अजीत सिंह ने हरित प्रदेश के निर्माण के लिए देश और प्रदेश की तत्कालीन सरकारों के सम्मुख हरित प्रदेश के निर्माण की मांग को उठाया था।
उन्होंने कहा कि, प्रदेश के न्यायालयों में वादों की संख्या भी हजारो बुना बढ़ी है। जबकि, उच्च न्यायालय इलाहाबाद में हजारों अपील लम्बित पड़ी है। उच्च न्यायालय खंडपीठ, लखनऊ में मात्र 13 जनपद आते हैं, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्तर्गत 22 जनपदों की, लगभग 8 करोड़ आबादी को उच्च न्यायालय, इलाहबाद आवागमन करना पड़ता है। जिसकी दूरी मेरठ से लगभग 650 किमी है। वहीं, उच्च न्यायालय नैनीताल मेरठ से मात्र 250 किमी की दूरी पर ही स्थित हैं।
उन्होंने कहा कि सदा ही कहा जाता है कि न्याय में देरी, न्याय नहीं मिलने के बराबर है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सम्मानित अधिवक्ताओं की संघर्ष करते हुए कई वर्ष हो गये हैं। न्यायालयों का बहिष्कार, दिल्ली में संसद पर प्रदर्शन के माध्यम से अनेकों बार सम्मानित अधिवक्ताओं द्वारा पश्चिमी उत्तर
प्रदेश में उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की खंडपीठ स्थापित किये जाने की अपनी मांगों को रखा गया।
लेकिन आजतक भी अधिवक्ताओं और आमजन की इस बेहद गंभीर मांग को किसी भी सरकार ने पूरा नहीं किया। जिसके चलते लोगों में सरकारों के खिलाफ गुस्सा है। उन्होंने कहा कि, अब समय आ गया है कि, हाईकोर्ट बेंच की स्थापना कर दी जाए। ताकि लोगों को सस्ता और सुलभ न्याय मिल सके।


