शारदा रिपोर्टर मेरठ। सुरेश चंद मेमोरियल एजुकेशन डेवलपमेंट सोसाइटी के अंतर्गत संचालित इंटरनेशनल एकेडमी में गणपति पूजन के साथ अभिनेत्री गरिमा अग्रवाल ने चाइल्ड साइकोलॉजी और पेरेंटिंग पर सेमिनार कर लोगों को बच्चों की मनोभावना को समझने के तरीके बताए।
गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर अभिनेत्री गरिमा अग्रवाल ने ऐम इंटरनेशनल एकेडमी की सभी ब्रांच की टीचर्स के साथ गणपति पूजन किया । सभी मेरठ वासियों और देश वासियों के लिए प्रार्थना की । सेमिनार में चाइल्ड साइकोलॉजी के बारे में बताया गया कि छोटे मासूम बच्चों को प्यार की आवश्यकता होती है। बचपन में टीचर की कही हुई बाते और व्यवहार से देश का नागरिक तैयार होता है।
उन्होंने कहा कि बच्चों पर अपनी इच्छा थोपने के बजाय उसके अंदर की भावनाओं को समझ कर उसे आगे बढ़ने में मदद करें। उन्होंने बताया कि माता-पिता के लिए बाल मनोविज्ञान को समझना क्यों जरूरी है? बाल मनोविज्ञान माता-पिता को बच्चे के शारीरिक, भावनात्मक और संज्ञानात्मक विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है, जिससे वे स्वस्थ विकास के लिए पोषणकारी वातावरण और सहायक संबंध प्रदान कर पाते हैं।
उन्होंने कहा कि माता-पिता बच्चों के साथ संवाद में सुधार कर सकते हैं, मजबूत रिश्ते बना सकते हैं और चुनौतियों के दौरान अपने बच्चों का मार्गदर्शन कर सकते हैं, जिससे दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। सहजता और विश्वास बनाने के लिए भावनाओं और अनुभवों के बारे में खुली बातचीत को प्रोत्साहित करें। चेयरमैन अमरीश अग्रवाल ने मां सरस्वती के सामने दीपक जलाकर वर्क शॉप का शुभारंभ किया । सभी कोआॅर्डिनेटर, सुपरवाइजर ने वर्कशॉप में अपने विचार रखे।