Home उत्तर प्रदेश Meerut संदेशखाली में दोषियों पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत हो कार्रवाई

संदेशखाली में दोषियों पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत हो कार्रवाई

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संदेशखाली में दोषियों पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत हो कार्रवाई

– सामाजिक समरसता मंच ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन


शारदा रिपोर्टर

मेरठ। सामाजिक समरसता मंच के बैनर तले शनिवार को संदेशखाली में अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय में दिया गया। ज्ञापन में मांग की गई कि महिलाओं का उत्पीड़न करने के दोषियों पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जाए।

सह सामाजिक समरसता संयोजक मेरठ विभाग अनिल कुमार और मेरठ महानगर के संयोजक रमोद शर्मा ने ज्ञापन देते हुए बताया कि संदेशखाली में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को लोगों जिनमें महिलायें ए बालिकायें भी शामिल है, पर कई वर्षों से अत्याचार एवं अमानवीय व्यवहार तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहाना शेख एवं उनके गुण्डों द्वारा किया जा रहा है।

सर्वशखाली द्वीप जो पश्चिमी बंगाल में आता है तथा शाप ही कोलकाता से 25 किभी के उत्तर में 24 परगना में सुन्दरवन है जहा पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूनिका जनजाति के लोग कृषि एवं अन्य कार्य कर अपना जीवन यापन करते हैं। उनकी भूमि पर शाहजार एवं उनके गुण्यों द्वारा जबरन करा कर लिया गया है तथा साथ ही क्षेत्र की बहुमुल्य सम्पदा की भी चोरी की जा रही है। तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां रोख गुच्छे जबरन घरी से महिलाओं व बालिकाओं को उठाकर उनके द्वारा स्थापित कार्यालय अपनी ले जाकर बंधक बनाकर शारीरिक शोषण अत्याचार करते हैं।

कोलकाता उच्च न्यायालय, राष्ट्रीय महिला आयोग एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं द्वारा भी इन घटनाओं पर गहरा रोष व्यक्त किया गया है। राजनीतिक व धार्मिक कारणों से प्रेरित यह कृत्य पुलिस प्रशासन एवं पश्चिमी बंगाल सरकार की नाकामी उजागर करते है। महिलाओं, बालिकाओं व बच्चों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार, यौन उत्पीडन व मारपीट की अनेको घटनाएं सामने आ रही है। अपराधियों द्वारा जमीन हरूपने के कितने ही मामले उजागर हो रहे हैं।

इन घटनाओं से स्पष्ट है कि पश्चिमी बंगाल में महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा की स्थिति: कितनी भयानक है कि कई दिनों से हो रहे अत्याचारों की घटनाओं के बाद भी पुलिस ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। राजनीतिक, धार्मिक व आर्थिक मुददों में महिलाओं, बच्चों एवं बालिकाओं को निशाना बनाना अत्यना अमानवीय अपमानजनक एवं पीड़ादायक है। हम इन दर्दनाक घटनाओं की घोर निंदा एवं विरोध करते हैं।

ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि राज्य शासन को सख्ती के साथ निर्देशित किया जाये कि तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख व उनके गुण्डों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के साथ अनुसूचित जाति एवं अनुसूषित जनजाति संरक्षण अधिनियम के तहत अपराधिवा मामला दर्ज किया जाये। एक उच्चारतरीय जांच दल गठित कर, संदेशखाली का दौरा व भ्रमण कर प्रतिवेदन मंगाया जाये तथा उक्त प्रतिवेदन पर तुरन्त कार्यवाही कर दोषियों तथा उनकी संताण देने गालों को तुरन्त दण्डित किया जाये।

इसके साथ ही ऐसी व्यवस्था स्थापित की जाये कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोग निर्भय होकर अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके।

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