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अब हो सकता है ट्रांसपोर्ट नगर शहर से बाहर

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  • शासन ने मास्टर प्लान में तीन स्थान आरक्षित करने का दिया निर्देश।
  • मेरठ में महायोजना 2021 में ही ट्रांसपोर्ट नगर को शहर से बाहर करने का प्लान किया गया था शामिल।

शारदा न्यूज, मेरठ। ट्रांसपोर्ट नगर शहर की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। जिसके कारण शहर की सड़कें जहां लगातार टूट रही हैं, वहीं जाम भी लगता है। ट्रांसपोर्ट नगर को शहर से बाहर करने की जहां लगातार मांग होती रही है, तो वहीं दूसरी तरफ एमडीए ने भी अपनी महायोजना 2021 में इसे शामिल किया था। लेकिन अभी तक इस योजना पर काम नहीं हो पाया है। लेकिन शासन के आदेश पर अब इस दिशा में काम होता नजर आ रहा है।

      ट्रांसपोर्ट नगर कभी शहर से बाहर दिल्ली रोड़ पर बना था। लेकिन समय के साथ शहर का विस्तार होता गया और ट्रांसपोर्ट नगर शहर के बीच में आ गया। जिस कारण बागपत रोड़ के साथ ही दिल्ली रोड़ पर भी ट्रकों के कारण जहां जाम लगता है, वहीं रात में भूमिया पुल, घंटाघर रोड़ आदि तमाम रास्तों से ट्रक शहर के भीतर से होते हुए ट्रांसपोर्ट नगर तक पहुंचते हैं, जिसके कारण सड़कें भी लगातार टूटती रहती हैं।
ट्रांसपोर्ट नगर के शहर के भीतर होने के कारण ही बागपत रोड़ पर स्थित शहर की कभी सबसे पॉश कालोनी माने जाने वाली शंभूनगर से लोग अपनी कोठियां बेचकर शहर की बाहरी कालोनियों में आ गए। वहीं आसपास की कालोनियों में भी जमीन और भवन के अपेक्षित रेट नहीं बढ़ पा रहे हैं। जिससे लोग परेशान हैं।

     एमडीए ने महायोजना 2021 में ट्रांसपोर्ट नगर को शहर से बाहर करने का प्रस्ताव रखा था और इसके लिए बागपत रोड पर पांचली के पास भूमि भी चिन्हित की थी। लेकिन जमीन की कीमत और सुविधाओं के मुद्दे पर ट्रांसपोर्टरों और एमडीए के बीच सहमति नहीं बनी और यह योजना 13 सालों से फाइलों में ही बंद है। जबकि स्थानीय नागरिक कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं।

अब बन सकती है बात
शासन ने बृहस्पतिवार को प्रदेश के सभी प्राधिकरणों के सचिव को पत्र जारी करते हुए निर्देश दिया है कि इस समय जो महायोजना तैयार हो रही है, उसमें ट्रांसपोर्ट नगर को शहर से बाहर करने की योजना करते हुए जमीन आरक्षित करें। इसके अलावा उद्योगों और व्यवसायिक गतिविधियों के साथ ग्रीन क्षेत्र भी आरक्षित  करें।  शासन द्वारा ट्रांसपोर्टनगर के लिए जमीन आरक्षित करने के आदेश को देखते हुए अब लगता है कि मेरठ के लोगों को इस समस्या से निजात मिल सकती है। क्योंकि इस समय एमडीए की महायोजना 2031 लगभग अंतिम दौर में है, ऐसे में नये सिरे से इस पर काम करते हुए एमडीए को ट्रांसपोर्ट नगर के लिए जमीन आरक्षित करनी पड़ेगी।

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