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Tuesday, December 23, 2025
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हाईकोर्ट बेंच: पूरी तरह सफल रहा मेरठ बंद, हर किसी ने दिया सहयोग

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– अधिवक्ताओं के आंदोलन में व्यापारी, निजी स्कूल, पेट्रोल पंप, निजी ट्रांसपोर्ट सेवाएं, राजनीतिक दल, समाजसेवी संगठनों ने बंद को बनाया सफल।



शारदा रिपोर्टर मेरठ। पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर मेरठ समेत पश्चिमी यूपी के 22 जिलों में बंद का आह्वान किया गया है। यह बंद हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति ने किया है। 22 जिलों के अधिवक्ताओं और 1200 से अधिक संगठन भी हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर अपना समर्थन दे रहे हैं।

 

 

मेरठ में ऐतिहासिक बंद का असर बुधवार सुबह से ही दिखाई देने लगा है। सुबह 11 बजे तक खैरनगर, सुमित बुढ़ाना गेट, जिमखाना मैदान समेत कई इलाकों में दुकानों के शटरों पर ताले लटके रहे। वहीं डॉक्टरों ने भी ओपीडी कैंसिल कर रखी है जबकि इमरजेंसी सेवाएं बहाल है।

 

 

वहीं शहर के स्कूल-कालेजों को भी बंद रखा गया है। सुबह से ही वकीलों ने जगह-जगह धरना प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। वकीलों ने कहा कि बेंच नहीं तो वोट नहीं। अधिवक्ताओं ने ने पूरा शहर बंद करा दिया। कचहरी परिसर के सभी गेटों पर अधिवक्ता बैठे रहे और बंदी के लिए सभी का धन्यवाद करते हुए अपना प्रदर्शन किया। उन्होंने कचहरी परिसर में स्थित रजिस्ट्री कार्यालय समेत सभी न्यायालय बंद करा दिए।

 

 

महिला अधिवक्ता उर्वशी सिंह ने कहा- हाईकोर्ट बेंच आने में इसलिए देर हुई कि पूर्वांचल की राजनीति ज्यादा पश्चिमी पर हावी है कि वे बेंच को आने नहीं देते। या फिर जनप्रतिनिधि हमारी बात सही से नहीं उठा पा रहे हैं। लेकिन आज 22 जिलों की जनता हमारे साथ है। उन्होंने बंद को सफल बनाया है।

 

 

वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने बताया कि पिछले पांच दशकों से वह हाई कोर्ट बेंच की लड़ाई लड़ रहे हैं। उसके बावजूद भी मांग पूरी नहीं हो रही। उन्होंने पूर्व में जेल भरो आंदोलन के साथ मेरठ बंदी समेत जनप्रतिनिधियों का घेराव भी किया था। हम लेकिन हमेशा पश्चिम पर पूरब की लॉबी हावी होती हैं। लेकिन इस बार उन्हें उम्मीद है कि इस आंदोलन का कुछ तो निर्णय होगा।

 

 

सीसीएसयू में आज की सभी परीक्षाएं स्थगित: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर प्रस्तावित मेरठ बंद के चलते चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने आज की सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। यह निर्णय देर शाम छात्र नेताओं की मांग और परीक्षा नियंत्रक के साथ वार्ता के बाद लिया गया है। अब यहपरीक्षाएं 12 जनवरी को पूर्व निर्धारित पाली व केंद्रों पर होंगी।

 

 

बंद पड़ा आबूलेन बाजार

बंद पड़ा आबूलेन बाजार

 

बंद पड़ा सदर बाजार

बंद पड़ा सदर बाजार

 

बंद पड़ा सेंट्रल मार्केट

बंद पड़ा सेंट्रल मार्केट

 

बंद पड़ा भगत सिंह मार्केट

बंद पड़ा भगत सिंह मार्केट

 

 

1200 से अधिक संगठनों का समर्थन: अधिवक्तों ने बताया- इस बार 1200 से अधिक व्यापारिक संगठनों ने बंद को समर्थन दिया है। अधिवक्ता जबरन बाजार बंद नहीं कर रहे हैं। व्यापारी स्वेच्छा से ही बाजार बंद कर रहे हैं। अधिवक्ताओं ने लोगों के बीच पहुंच कर पहल की, यह मांग नहीं बल्कि आवश्यकता है। इसी वजह से अधिवक्ताओं को जनता का सहयोग मिल रहा है। व्यापारियों के प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप, स्कूल कॉलेज समेत ट्रांसपोर्ट संगठन ने बंदी का समर्थन किया है।

 

बंद पड़ा पेट्रोल पंप

बंद पड़ा पेट्रोल पंप

 

हनुमान मंदिर से रवाना हुई टोलियां

सुबह अधिवक्ताओं की टोलियां कचहरी स्थित हनुमान मंदिर पर एकत्र हुई, जहां से संघर्ष समिति के पदाधिकारी व वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने उन्हें रवाना किया। युवाओं, महिलाओं, वरिष्ठ अधिवक्ताओं की अलग टोलियां बनाई गई हैं।

अधिवक्ताओं के एक दल ने हनुमान मंदिर के सामने ही कचहरी गेट के बाहर धरना शुरू कर दिया है। यह टोलियां घूम घूम कर आम जनता से समर्थन जुटा रहीं हैं।

 

 

35 टोली, 20 मोबाइल वैन सड़कों पर

हाईकोर्ट बैंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति के आह्वान पर बुलाए गए इस मेरठ बंद को सफल बनाने के लिए 35 टोलियां तैयार की गई हैं। यह टोलियां निर्धारित प्वाइंट पर मौजूद रहकर बंदी को सफल बनाने का करेंगी। इनके अलावा 20 मोबाइल वैन भी सड़कों पर दौड़ रहीं हैं। इनमें भी अधिवक्ता मौजूद हैं।

राजनीतिक दलों के नेताओं ने दिया समर्थन

मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट बेंच को लेकर हुए मेरठ बंद का राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी खुलकर समर्थन किया। सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के सभी नेता हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर लामबंद नजर आए। राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत ने कहा कि हाईकोर्ट बेंच पश्चिमी यूपी की आवश्यकता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में 63 प्रतिशत मुकदमे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।

वाजपेयी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित मुकदमे 10 लाख से अधिक हैं। हाईकोर्ट की लखनऊ व इलाहाबाद बेंच में पांच- पांच लाख से अधिक मुकदमे आते हैं। सांसद ने कहा कि प्रत्येक परिस्थिति में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच मिलनी ही चाहिए।

सपा के किठौर विधायक और पूर्व मंत्री एडवोकेट शाहिद मंजूर ने कहा कि मैं भी मेरठ बार का सदस्य हूं, ये सौभाग्य की बात है कि उस बार के पदाधिकारी पूर्व पीएम भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरठ से जो आंदोलन शुरू होता है, उसमें 6 महीना भी समय लग जाए लेकिन उस आंदोलन को सफलता जरूर मिली है। उन्होंने कहा- आंदोलन को जनता से जोड़ना पड़ेगा तभी सफलता मिलेगी।

मेरठ हाईकोर्ट बेंच के आंदोलन में पहुंचे सपा विधायक अतुल प्रधान, सपा विधायक रफीक अंसारी के अलावा कांग्रेस और आजाद समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन भी पहुंचा। सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि आज वकीलों के आंदोलन को जनांदोलन बनाया गया है। पूरा मेरठ बंद है। लेकिन इस तरह की बंदी पहले भी रही है। लेकिन आज का बंद केवल मेरठ के लिए नहीं बल्कि पूरे पश्चिमी यूपी के लिए ऐतिहासिक दिन हैं। ये बेंच किसान, मजदूर और आम जनता का अधिकार है।
बसपा के मेरठ मंडल के को-आर्डिनेटर जगरूप सिंह ने कहा- बसपा पहले भी आंदोलन के साथ थी और आज भी रहेगा। केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है। उन्हीं के चलते बेंच नहीं आ पा रही है।

कांग्रेस महानगर अध्यक्ष रंजन शर्मा ने कहा- हाईकोर्ट बेंच की मांग लंबे समय से चल रही है। पश्चिमी यूपी में बेंच की जरूरत है। यहां से लाहौर और दिल्ली की हाईकोर्ट नजदीक है लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट दूर है।

भाजपा नेता और व्यापारी अजय गुप्ता ने कहा-50 से पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट बेंच की मांग हो रही। अब यह मांग जनआंदोलन बन गया है। सदन में हमारी पार्टी के लोग पूरे मामले को उठा रहे हैं। व्यापारी इस बंद में शामिल होकर पूरा समर्थन दे रहे हैं।

 

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