– सच संस्था के अध्यक्ष संदीप पहल ने दलित पट्टों की भूमि खरीदने पर उठाए सवाल, प्रशासन को भी घेरा
शारदा रिपोर्टर मेरठ। दलित पट्टों की जमीन शांति निकेतन ट्रस्ट के नाम खरीदने के बाद प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर की मुसीबत लगातार बढ़ती जा रही हैं। एक के बाद एक लगातार उनके ऊपर आरोपों की झड़ी लगाई जा रही है। इस बार सच संस्था के अध्यक्ष और आरटीआई एक्टिविस्ट डा. संदीप पहल एडवोकेट ने उनके ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं। संदीप पहल ने न केवल जमीन खरीद में हुई अनियमितताओं को उठाया है, बल्कि यह भी सवाल किया है कि इतना पैसा आखिर सोमेंद्र तोमर के पास आया कहां से?
उन्होंने कहा कि एडीएम प्रशासन ने जिस दिन भूमि बेचने की अनुमति दे दी, उसी दिन 13 सितंबर 2024 को रजिस्ट्री बेनामे हो गये। इससे साफ है कि एक ही दिन में दस पट्टेदारों की जमीन का बैनामा होना मंत्री पद की हनक और दुरुपयोग को दर्शाता है।
गुरुवार को वेस्टर्न कचहरी रोड़ स्थित अपने आवास पर संदीप पहल ने प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने बताया कि, सबसे ताज्जुब की बात यह है कि, एडीएम प्रशासन की अनुमति हुए बिना ही शान्ति निकेतन ट्रस्ट ने 11 सितंबर 2024 को लगभग 21 लाख रुपये के स्टाम्प खरीद लिए। जिससे सोमेन्द्र तोमर के मंत्री पद की हनक और उनके पैसे की खनक की पुष्टि होती है।
उन्होंने कहा कि, सभी एग्रीमेंट में अंकित है कि, जिलाधिकारी की अनुमति भूमि बेचने वाला लेकर भूमि खरीदने वाले सोमेन्द्र तोमर अध्यक्ष शांति निकेतन ट्रस्ट को देगा। ऐसा कैसे सम्भव है कि जब चार पट्टेदारों के मेडिकल की तारीख 12 सितंबर 2024 है। जबकि, अगले दिन यानि 13 सितंबर 2024 को एडीएम प्रशासन ने भूमि बेचने की अनुमति दी, तो सोमेन्द्र तोमर ने इन चारों की भूमि की रजिस्ट्री बैनामे के लिए स्टाम्प पहले ही 11 सितंबर 2025 को खरीद कर बैनामा टाईप करवा लिया।
उन्होंने कहा कि पट्टेदार कृष्णा पति कृष्णपाल का मेडिकल 16 जुलाई 2022 का है। जिसके आधार पर 18 जनवरी 2023 को एडीएम प्रशासन ने भूमि बेचने की अनुमति दी। जबकि निजी अस्पताल का मेडिकल प्रमाण पत्र कानून अनुसार मान्य ही नहीं है, इसलिए यह अनुमति पूरी तरह से अवैध है। जबकि, अनुमति के आधार पर 23 जनवरी 2023 को इस भूमि की रजिस्ट्री बैनामा अंजली तोमर पत्नि सोमेन्द्र तोमर ए-23, शास्त्री नगर मेरठ के नाम करवा लिया गया।
उन्होंने कहा कि, वैसे मंत्री होकर भी फायदा नहीं उठाया तो कब उठायेगा इंसान। उन्होंने कहा कि, सोमेन्द्र तोमर ने चार सामान्य जाति के व्यक्तियों से भी इस दौरान इस गांव में भूमि खरीदी थी। सोमेन्द्र तोमर ने उपरोक्त बैनामों से लगभग 3.230013 हैक्टेयर भूमि खरीदी (लगभग 38,630 गज, 38 हजार 630 वर्ग गज) जिसकी कीमत लगभग छ: करोड़ पीचास्सी लाख रुपये दी गयी है और स्टाम्प ड्यूटी लगभग 30 लाख रुपये दी गयी है।
मेरठ विकास प्राधिकरण की कॉलोनी का शिलान्यास होते ही इस भूमि की कीमत 5 गुणा हो गयी है। उन्होंने कहा कि, जांच का विषय यह भी है कि, यह करोड़ों रुपया आया कहां से। उन्होंने कहा कि, इस खेल और गैर कानूनी अपराधिक भूमि का खुलासा साक्ष्यों सहित जल्द करूंगा। क्योंकि, इस अनुसूचित जाति के पट्टे बेचने की अनुमति के खेल में डाक्टरों, पटवारी आदि का पूरा रोल रहा है।