– ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पीड़ित व्यापारियों की आंखों में दिखे आंसू।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। आखिर वही हुआ जिसका पिछले काफी समय से अंदाजा लगाया जा रहा था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मेरठ सेंट्रल मार्केट का ध्वस्तीकरण पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में हो गया। हालांकि इस दौरान व्यापारी वर्ग अपनी आंखों में आंसू लिए हुए सब कुछ देखता रहा। लेकिन, पुलिस की सख्ती के बाद एक के बाद एक दुकानों को जेसीबी ध्वस्त करती चली गई।
मेरठ सेंट्रल मार्केट मामले पर बड़ी खबर, विवादित शोरूम पर एक्शन शुरू, बुलडोजर ने पंजा खोला…
Video News || SHARDA EXPRESS
आवास विकास ने यह कार्रवाई 661/6 परिसर पर की है। जिसमें करीब 10 दुकानें बनी हुई है। इससे पहले पुलिस प्रशासन ने पूरी तरह से सेंट्रल मार्केट को घेराबंदी कर सभी रास्ते बंद कर दिए थे और सभी जगह कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई थी। वहीं, सुरक्षा के मध्य नजर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को भी बुला लिया गया था। जबकि ड्रोन कैमरे से भी वीडियो ग्राफी की गई।
हालांकि, आने वाले दिनों में और कौन-कौन सी दुकानों पर कार्रवाई होनी है यह जल्द ही मालूम चल जाएगा। लेकिन, कहीं ना कहीं व्यापारियों का दर्द सबके सामने है और व्यापारी सिर्फ यही कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि अब उन अधिकारियों पर भी कार्यवाही हो जिन्होंने पैसे लेकर इन दुकानों को बनवाया था।

बता दें कि, पिछले कई आदेशों के बाद शहर की चर्चित सेंट्रल मार्केट में बने अवैध निर्माण पर अब बुलडोजर चल गया। आवास विकास परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में शनिवार सुबह से ध्वस्तीकरण अभियान चलाने की पूरी तैयारी कर ली थी। शुक्रवार को विभाग की टीम ने लाउडस्पीकर से घोषणा करते हुए स्पष्ट कर दिया कि, शनिवार को मार्केट को पूरी तरह गिराया गया। वहीं, घोषणा होते ही मार्केट में अफरा-तफरी और तनाव का माहौल बन गया।

व्यापारी रातभर अपनी दुकानों से सामान निकालते नजर आए। यह कार्रवाई प्लॉट नंबर 661/6 पर स्थित एक बड़े कॉम्प्लेक्स में की गई, जिसमें करीब एक दर्जन से अधिक दुकानें मौजूद हैं। शुक्रवार को आवास विकास की टीम ने मौके पर जाकर व्यापारियों को अंतिम नोटिस थमाया और सुबह तक परिसर खाली करने के निर्देश दिए। दरअसल शास्त्री नगर के सेंट्रल मार्केट से जुड़ा यह विवाद कई वर्षों से अदालत में विचाराधीन है। इस प्रकरण की अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तावित है।
हालांकि, आवास विकास विभाग ने पूर्व में दिए गए न्यायालय के आदेशों के पालन में कार्रवाई पहले शुरू करने का निर्णय लिया था। इस कदम से प्रशासनिक और व्यापारिक दोनों हलकों में हलचल मच गई। व्यापारियों का कहना है कि, उन्होंने वर्षों की मेहनत से व्यवसाय खड़ा किया, लेकिन अब सब कुछ उजड़ने जा रहा है। वहीं, आवास विकास विभाग का कहना है कि अवैध निर्माण हटाना अनिवार्य है, ताकि नियमानुसार विकास योजनाओं को लागू किया जा सके। शनिवार सुबह से ही ध्वस्तीकरण टीम, भारी पुलिस बल और जेसीबी मशीनें मौके पर तैनात रही। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
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